Home Top News इलाज के बाद खालिदा जिया स्वदेश लौटीं, कई दिनों से चल रही थीं बीमार; राजनीति में होंगी सक्रिय?

इलाज के बाद खालिदा जिया स्वदेश लौटीं, कई दिनों से चल रही थीं बीमार; राजनीति में होंगी सक्रिय?

by Sachin Kumar
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Bangladesh Politics Former PM Khaleda Zia

Bangladesh Politics : बांग्लादेश की राजनीति में भारी उथल-पुथल के बीच लंदन से इलाज करवाने के बाद पूर्व प्रधाधनमंत्री खालिदा एक बार फिर स्वदेश लौट आईं है. यहां आने के बाद उनका इलाज चल रहा है.

Bangladesh Politics : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (Former PM Khaleda Zia) बीमार होने की वजह से चार महीने पहले इलाज कराने के लिए लंदन चली गई थीं. इसी बीच तबीयत में सुधार होने के बाद वह मंगलवार को लंदन से बांग्लादेश लौट आईं. बता दें कि वह 8 जनवरी, 2025 को अपना इलाज कराने के लिए लंदन चली गई थीं और वह विदेश में जाकर एक क्लिनिक में भर्ती हो गईं. इसी कड़ी में क्लिनिक से छुट्टी मिलने के बाद BNP की अध्यक्ष अपने सबसे बड़े बेटे तारिक रहमान के घर चली गईं, जहां पर उनका इलाज चल रहा है. बता दें कि 79 वर्षीय खालिदा लंबे समय से लीवर सिरोसिस, किडनी रोग, ह्रदय रोग, मधुमेह और गठिया से पीड़ित हैं.

खालिदा की वापसी से लोकतंत्र बहाल होगा

इसी बीच बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर पार्टी के की वरिष्ठ नेताओं के साथ खालिदा को लेने के लिए 8:30 बजे हवाई अड्डे पर पहुंचे. इसी बीच फखरुल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि देश में एक बार फिर खालिदा की वापसी से लोकतंत्र में बहाली होगी और हम विकास के रास्ते पर तेजी से दौड़ेंगे. उन्होंने आगे कहा कि फासीवादी ताकतों के खिलाफ उत्पीड़न का शिकार होने वाली हमारी पार्टी की अध्यक्ष खालिदा इलाज के बाद स्वदेश लौटीं हैं. खालिदा जब अपने बेटे के घर पहुंची तो उस दौरान बांग्लादेश प्रशासन ने उनके आसपास सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम कर दिए गए हैं.

भ्रष्टाचार के एक मामले में हुईं बरी

वहीं, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (DMP) ने भी सोमवार को एक नोटिस जारी किया और उसमें लिखा कि खालिदा के स्वागत में अत्यधिक भीड़ जुटने की वजह से गुशन-बनानी क्षेत्र में संभावित यातायात जाम को लेकर चेतावनी दी गई है. हालांकि, खलिदा पर उच्च न्यायालय के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा है जिसमें उनके ऊपर भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया गया था. इस मामले में निचली अदालत ने जिया को सात साल की सजा सुनाई थी. बता दें कि जिया को ढाका की एक अदालत ने साल 2018 में जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया था और इसके बाद ही कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही एक मिलियन टका का जुर्माना भरने के लिए भी कहा था. बीएनपी अध्यक्ष के वकील ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिया अनाथालय ट्रस्ट और चैरिटेबल मामले में बरी कर दिया गया.

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