Home Top News क्या जीत के बाद मार्क कार्नी चुनेंगे ट्रूडो से अलग रास्ता? कैसा रहेगा भारत के प्रति रवैया

क्या जीत के बाद मार्क कार्नी चुनेंगे ट्रूडो से अलग रास्ता? कैसा रहेगा भारत के प्रति रवैया

by Sachin Kumar
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Canada Election Mark Carney India-Canada Relation

Canada Election : मार्क कार्नी की जीत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बधाई दी है और एक्स हैंडल पर लिखा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्ध हैं.

Canada Election : कनाडा आम चुनाव में मार्क कार्नी (Mark Carney) की नेतृत्व वाली लिबरल पार्टी (Liberal Party) में जीत दर्ज कर ली है. अब कार्नी का एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है और कनाडियन ब्राडकास्टिंग का कहना है कि लिबरल पार्टी ने देश में लगभग जीत हासिल कर ली है. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात दोहराई है. साथ ही कनाडा में एक मजबूत नेता चुनने की बात कही. चुनाव परिणामों की तरफ देखें तो कनाडाई पार्लियामेंट में 343 सीटें हैं और अभी तक सबसे ज्यादा सीटों पर मार्क कार्नी की पार्टी ही आगे चल रही हैं. बता दें कि मार्क कार्नी का सीधा मुकाबला कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे से था. वहीं, भारत में खालिस्तानियों को समर्थन करने वाले जगमीत सिंह को चुनाव में हार सामना करना पड़ा है.

भारत-कनाडा के साझा लोकतांत्रिक मूल्य

मार्क कार्नी की जीत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी बधाई दी है और अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मार्क कार्नी को कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में आपके चुनाव पर बधाई. उन्होंने आगे लिखा कि भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और लोगों के बीच जीवंत संबंधों से बंधे हैं. मैं हमारी साझेदारी को मजबूत करने और हमारे लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसरों को खोलने के लिए आपके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं. बता दें कि अभी तक पार्टी को अभी तक 172 सीटों का स्पष्ट बहुमत मिला है या नहीं, अगर वह बहुमत के करीब भी पहुंच गई है तो किसी विपक्षी पार्टी से उसको समर्थन लेना पड़ेगा.

दोनों देशों के बीच होंगे रिश्ते बेहतर

बता दें कि जनवरी 2025 में जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मार्क कार्नी को इस पद पर विराजमान किया गया था. कनाडाई नागरिकों ने उन्हें अधिक मत देकर एक बार फिर सत्ता के करीब पहुंचा दिया है और वह एक बार कनाडा की बागडोर संभालते हुए नजर आएंगे. इसी बीच आपको बताते चलें कि भारत को पूरी उम्मीद है कि मार्क कार्नी के शासन में कनाडा-इंडिया के संबंध काफी बेहतर होंगे. जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में भारत और कनाडा के रिश्तों में काफी खटास पैदा हो गई थी और कनाडा में खालिस्तानी समर्थक खुलेआम घूम रहे हैं जो अक्सर भारत का अपमान करने की कोशिश करते रहते हैं. खालिस्तानी अलगाववादी ट्रूडो सरकार को समर्थन करते थे और यही कारण थी कि उन्होंने डायरेक्ट भारत से पंगा लेने की भी कोशिश की थी.

भारत को लेकर क्या बोले थे कार्नी

मार्क कार्नी ने इससे पहले कहा था कि भारत और कनाडा के बीच रिश्ता काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हाल ही में दोनों देशों के बीच के रिश्तों में थोड़ा बिखराव देखा गया था लेकिन इसके बाद भी भारत-कनाडा आर्थिक और सामाजिक स्तर पर अपने रिश्ते बेहतर बनाएं. उन्होंने आगे कहा था कि जब ग्लोबल लेवल पर अर्थव्यवस्था स्थिर है और नया आकार ले रही है ऐसे में दोनों देश साझे व्यापार का निर्माण कर सकती है और आर्थिक मोर्चे पर विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान पर काम कर सकती है.

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