भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिसरी ने कहा कि शनिवार शाम पांच बजे से युद्ध विराम लागू हो गया है. सैन्य कार्रवाई रोक दी जाएगी.
New Delhi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से शुरू की गई आपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला किया. सेना ने ठिकानों को तहस-नहस कर दिया. इसी का बदला लेने के लिए पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन व मिसाइलों से हमला करना शुरू कर दिया, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. इस बीच दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका की पहल पर भारत और पाकिस्तान युद्ध विराम पर सहमत हो गए. यह जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ‘X’ पर दी.
शनिवार शाम पांच बजे से युद्ध विराम लागू
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिसरी ने कहा कि शनिवार शाम पांच बजे से युद्ध विराम लागू हो गया है. सैन्य कार्रवाई रोक दी जाएगी. ट्रंप की यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा विदेश मंत्री एस जयशंकर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बात करने के बाद आई.
शांति का रास्ता चुनने के लिए नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ की सराहना
अमेरिका की विदेश मंत्री रुबियो ने भी ने कहा, “पिछले 48 घंटों में, @वीपी वेंस और मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, सेना प्रमुख असीम मुनीर से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी और शरीफ की शांति का रास्ता चुनने में उनकी बुद्धिमता, विवेक और राजनेता की सराहना करते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने शनिवार दोपहर को कॉल की जिसके बाद चर्चा हुई और सहमति बनी. इस्लामाबाद में, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने तत्काल प्रभाव से युद्ध विराम की पुष्टि की.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संघर्ष विराम का किया स्वागत
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं भारत सरकार के प्रवक्ता द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम बहाल करने की घोषणा का तहे दिल से स्वागत करता हूं. अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया और वे जम्मू-कश्मीर तथा अन्य जगहों पर फिर से संघर्ष विराम स्थापित करने पर सहमत हुए. उन्होंने कहा कि अब यह जम्मू-कश्मीर सरकार का कर्तव्य है कि इस अवधि के दौरान पीड़ित लोगों को राहत और मुआवजा प्रदान किया जाए.
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