पुलिस ने कहा कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों, निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) और स्थानीय बीट कांस्टेबलों को जमीनी कार्य के समन्वय के लिए शामिल किया गया है.
New Delhi: पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने आपातकालीन तैयारियां तेज कर दी हैं. पुलिस ने हवाई हमलों के दौरान आश्रय के रूप में काम आने वाले तहखानों को चिह्नित करने का काम तेज कर दिया है. इसके अलावा बच्चों और बुजुर्गों की भी सूची तैयार की जा रही है. अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सभी जिला इकाइयों को सुरक्षित आश्रयों, विशेष रूप से आवासीय और वाणिज्यिक भवनों, मेट्रो स्टेशनों के तहखानों की पहचान करने और उन्हें चिह्नित करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जहां नागरिक हवाई हमले या मिसाइल हमले की स्थिति में शरण ले सकते हैं. बच्चों और बुजुर्गों सहित कमजोर व्यक्तियों की सूची तैयार करने के लिए विभिन्न इलाकों में एक विशेष अभियान भी शुरू किया गया है.
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डेटा रहने से पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को मदद करने में मिलेगी सहूलियत
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसका उद्देश्य उन लोगों तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित करना है, जिन्हें आपातकाल के दौरान सहायता की आवश्यकता हो सकती है. यह डेटा पुलिस और नागरिक सुरक्षा कर्मियों को तेजी से और अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद करेगा. पुलिस ने कहा कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों, निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) और स्थानीय बीट कांस्टेबलों को जमीनी कार्य के समन्वय के लिए शामिल किया गया है. उन्हें इस बारे में जागरूकता पैदा करने का काम सौंपा गया है कि अगर सायरन बजता है तो कैसे प्रतिक्रिया दें, जिसमें सुरक्षित स्थानों पर छिपना, खुली जगहों से बचना और आधिकारिक चैनलों के माध्यम से पुलिस की सलाह का पालन करना शामिल है.
राजधानी में पुलिस आपदा प्रतिक्रिया बल तैनात
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस न केवल त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र पर काम कर रही है, बल्कि लोगों को हवाई हमलों की स्थिति में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी सक्रिय रूप से शिक्षित कर रही है. जिला डीसीपी को उपलब्ध बुनियादी ढांचे की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है जिसका उपयोग आश्रय या राहत के लिए किया जा सकता है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस आपदा प्रतिक्रिया बल (डीपीडीआरएफ) को राजधानी में प्राकृतिक आपदाओं, मानव निर्मित आपात स्थितियों और गंभीर घटनाओं से निपटने के लिए तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि नवगठित बल में कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टर समेत करीब 270 कर्मी शामिल हैं, जो राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा आयोजित छह सप्ताह के गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजर रहे हैं.

अधिकारी ने बताया कि इन कर्मियों को आग, इमारत गिरने और शहरी बाढ़ जैसी घटनाओं के दौरान बचाव अभियान चलाने के लिए विशेष कौशल से लैस किया जा रहा है. हवाई हमले की स्थिति में प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए भी उन्हें तैयार किया जा रहा है. बताया कि डीपीडीआरएफ को रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) आपात स्थितियों से निपटने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे उनकी प्रतिक्रिया क्षमताओं का दायरा बढ़ रहा है.
करीब 150 कर्मियों ने गाजियाबाद स्थित एनडीआरएफ केंद्र में लिया प्रशिक्षण
अब तक करीब 150 कर्मियों ने गाजियाबाद स्थित एनडीआरएफ केंद्र में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जबकि शेष सदस्यों के इस महीने के अंत तक प्रशिक्षण पूरा कर लेने की उम्मीद है. प्रशिक्षित होने के बाद, कर्मियों को तीन कंपनियों में विभाजित किया जाएगा, जिन्हें किसी भी संकट के समय तुरंत तैनात किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा कि आपात स्थिति के दौरान तेजी से प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए दक्षिण, पूर्व और नई दिल्ली में रणनीतिक स्थानों पर इकाइयों को तैनात करने की संभावना भी तलाश रहे हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के बीच अधिकारियों ने निवासियों से शांत रहने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है.
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