Home Top News यमन में छिड़ा गृह युद्ध! UAE समर्थित अलगाववादियों ने किया कब्जा; खतरे में तेल भंडार

यमन में छिड़ा गृह युद्ध! UAE समर्थित अलगाववादियों ने किया कब्जा; खतरे में तेल भंडार

by Sachin Kumar
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Yemen Conflict:  सऊदी अरब और UAE समेत तमाम शक्तियां यमन के दक्षिण इलाके में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार समर्थन किया है. साथ ही गृह युद्ध ने देश को बर्बाद कर दिया है.

Yemen Conflict: यमन में कई सालों से गृह युद्ध छिड़ा हुआ है और इसी बीच दक्षिण हिस्से पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) समर्थित अलगाववादी दक्षिणी ट्रांज़िशनल काउंसिल (STC) ने कब्जा कर लिया है. अलगाववादियों ने जिन हिस्सों पर कब्जा किया है वहां पर तेल का बड़ा भंडार है और अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्ग पर स्थित देश के लिए एक बड़ा कदम है, जो फारसी खाड़ी क्षेत्र के लिए नए खतरे पैदा कर सकता है. आपको बताते चलें कि यमन एक दशक से ज्यादा समय से गृह युद्ध में फंसा हुआ है, जिसमें सांप्रदायिक शिकायतों और क्षेत्रीय शक्तियों की भागीदारी का एक जटिल मेल है. ईरान समर्थित हूती देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले इलाकों को कंट्रोल करते है, जिसमें राजधानी सना भी शामिल है.

हूतियों विद्रोहियों को भड़काया

वहीं, सऊदी अरब और UAE समेत तमाम शक्तियां यमन के दक्षिण इलाके में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार समर्थन किया है. साथ ही गृह युद्ध ने एक मानवीय संकट पैदा किया है और अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है. हिंसा धीरे-धीरे कम हुई है क्योंकि दोनों पक्ष युद्ध में एक तरह से गतिरोध पर पहुंच गए थे. UAE समर्थित अलगाववादियों के इस कदम ने हूती विरोधी साझेदारी के बीच राजनीतिक व्यवस्था को उलट दिया है. यमन में युद्ध 2014 शुरू हुआ, जब हूतियों ने अपने गढ़ सादा से मार्च किया. उन्होंने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया. सऊदी और UAE अगले साल सरकार को फिर से बहाल करने की कोशिश में युद्ध में शामिल हो गए. देश में छिड़ी नई लड़ाई में STC का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार और उसकी सहयोगी जनजातियों की सेनाओं से है, जबकि वे दोनों दोनों देश के बड़े गृह युद्ध में हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने वाले खेमे के सदस्य हैं.

STC लंबे समय से कर रहा है ये मांग

STC दक्षिण यमन में एक शक्तिशाली संगठन है, जिसे UAE की तरफ से वित्तीय और सैन्य सहायता मिलती है. इसकी स्थापना अप्रैल 2017 में गई थी और उन ग्रुप के लिए की गई थी जिनको दक्षिणी यमन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में एक बार फिर से स्थापित करना था. हाल ही में हुई घटना के बाद STC ग्रुप को बहुत ताकत मिली है. साथ ही उन्हें यमन संघर्ष को सुलझाने के लिए भविष्य की किसी भी बातचीत का फायदा मिल सकता है. STC लंबे समय से मांग कर रहा है कि किसी भी समझौते में दक्षिणी यमन को आत्मनिर्णय का अधिकार दिया जाना चाहिए. STC को दक्षिणी यमन के ज्यादातर हिस्सों में लोगों का साथ मिलता है. इसकी अध्यक्षता ऐदारूस अल-जुबैदी करते हैं, जो देश की प्रेसिडेंशियल लीडरशिप काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार का गवर्निंग बॉडी है.

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