Home International ‘हमास पर हमला करने के लिए इजराइली सेना ने अपनाया अलग रास्ता, कई मौके पर साबित हुआ कारगर!

‘हमास पर हमला करने के लिए इजराइली सेना ने अपनाया अलग रास्ता, कई मौके पर साबित हुआ कारगर!

by Sachin Kumar
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Israel-Hamas War

Israel-Hamas War : एक फिलिस्तीनी को दो सप्ताह तक बंधक बनाने के बाद उसका इस्तेमाल किया गया और एक इजराइली अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि अक्सर फिलिस्तीनियों का ऐसा इस्तेमाल किया जाता है.

Israel-Hamas War : इजराइली सेना ने गाजा और वेस्ट बैंक में हमास लड़ाकू को निशाना बनाने के लिए कई स्तरों पर कोशिश की गई है. इजराइली सेना ने भी हमला करके हमास की कमर तोड़ने का काम किया और अभी भी ऑपरेशन जारी है. इसी बीच खबर सामने आई है कि इजराइल मानव ढाल का प्रयोग व्यापक स्तर पर कर रहा है. इजराइली सैनिकों ने अमेरिकन एजेंसी को बताया कि एक फिलिस्तीनी व्यक्ति न बांधा गया और न ही उसकी आंखों पर पट्टी बांधी गई. लेकिन गाजा पट्टी के घरों में घुसाया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि वहां पर बम और बंदूकधारी तो नहीं है. जब उस व्यक्ति को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर लिया तो दूसरे को भेजा गया.

जगह खाली करने के लिए किया इस्तेमाल

एक फिलिस्तीनी को दो सप्ताह तक बंधक बनाने के बाद उसका इस्तेमाल किया गया और एक इजराइली अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि अक्सर आदेश ऊपर से आते थे और कई बार स्थानों को खाली करने के लिए फिलिस्तीन का इस्तेमाल किया. कई फिलिस्तीनियों और सैनिकों ने एपी को बताया कि इजराइली सैनिक गाजा में व्यवस्थित रूप से फिलिस्तीनियों को मानव ढाल के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया. उन्हें विस्फोटकों या आतंकियों की जांच करने के लिए इमारतों और सुरंगों में भेज रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि 19 महीने के युद्ध के दौरान यह खतरनाक अभ्यास सर्वव्यापी हो गया है. इसी बीच IDF ने कहा कि वह नागरिकों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने पर सख्ती से रोक लगाई है.

सैनिकों के दो सदस्यों ने किया कबूल

अमेरिकी एजेंसी एपी ने 7 फिलिस्तीनियों से चर्चा की और बताया कि उन्हें गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया था. इस पर इजराइली सेना के दो सदस्यों का मानना है कि वह इस ऑपरेशन में शामिल थे जिनमें फिलिस्तीनियों का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. लोगों का मानना है कि युद्ध में तेजी से इस्तेमाल की जाने वाली मानक प्रक्रिया बन गई है. एक फिलिस्तीनी अबू हमदान ने बताया कि अगस्त में उसे उसके परिवार से अलग कर दिया गया था और सैनिकों ने उससे कहा था कि वह एक विशेष मिशन में मदद करेगा. उसने बताया कि 17 दिनों तक घरों की तलाशी लेने और सुरंगों के लिए जमीन में हर छेद का निरीक्षण करने के लिए मजबूर किया गया था.

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