Gujarat: एटीएस के एसपी के. सिद्धार्थ ने बताया, “सहदेव ने व्हाट्सएप के जरिए बीएसएफ और वायुसेना के निर्माणाधीन स्थलों की तस्वीरें और वीडियो साझा किए.
Gujarat: गुजरात सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने एक घुसपैठिए को ढेर कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई को बीती रात बीएसएफ ने अंजाम दिया है. इसके साथ ही गुजरात के कच्छ से एक जासूस को भी अरेस्ट किया गया है. जासूस को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया है. PRO की तरफ से जानकारी दी गई कि गुजरात के बनासकांठा में BSF ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी है. बीएसएफ के जवान लगातार सतर्कता बरत रहे हैं. 23 मई 2025 की दरमियानी रात को गुजरात के बनासकांठा जिले में एक गुसपैठिया सीमा को पार करने का प्रयास कर रहा था. जिसको सफलतापूर्वक भारतीय सेना ने ढेर कर दिया है. यह कार्रवाई उस समय हुई जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बीएसएफ ने पहले भी पाकिस्तानी साजिशों को विफल किया है, और इस घटना ने एक बार फिर उनकी मुस्तैदी को साबित किया है.
कच्छ में जासूस गिरफ्तार
उधर, गुजरात के कच्छ जिले में एटीएस ने एक जासूस को गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान सहदेव सिंह गोहिल के रूप में हुई है. यह व्यक्ति दयापार में एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत था और पाकिस्तान को बीएसएफ, भारतीय वायुसेना और नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भेज रहा था. एटीएस के अनुसार, सहदेव जून-जुलाई 2023 से ‘अदिति भारद्वाज’ नामक एक पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था, जो संभवतः एक फर्जी नाम था और इसके पीछे पाकिस्तानी हैंडलर की साजिश थी.
एटीएस के एसपी के. सिद्धार्थ ने बताया, “सहदेव ने व्हाट्सएप के जरिए बीएसएफ और वायुसेना के निर्माणाधीन स्थलों की तस्वीरें और वीडियो साझा किए. 2025 की शुरुआत में उसने अपने आधार कार्ड से एक सिम कार्ड खरीदा और उसका ओटीपी अदिति भारद्वाज को देकर व्हाट्सएप सक्रिय किया. इसके जरिए उसने संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान भेजी.” सहदेव को इस जासूसी के लिए 40,000 रुपये तक की राशि मिली थी. उसका फोन फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया है, और पाकिस्तानी नंबरों की जांच भी जारी है.
पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क की गहरी साजिश
जांच में यह भी संदेह जताया गया है कि ‘अदिति भारद्वाज’ कोई वास्तविक व्यक्ति नहीं, बल्कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा इस्तेमाल किया गया एक फर्जी नाम हो सकता है. यह खुलासा इस बात की ओर इशारा करता है कि पाकिस्तान का जासूसी नेटवर्क भारत में गहरे तक फैला हुआ है, जो स्थानीय लोगों, जैसे स्वास्थ्य कर्मियों, को भी अपने जाल में फंसा रहा है.
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