भारत की सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में कई आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया है. कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए हैं.
अमेरिका ने कहा कि वह पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है. दहशतगर्दों के पनाहगाह पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को भारतीय सेना ने तहस-नहस कर दिया है. भारत के ऑपरेशन सिंदूर को देखते हुए अमेरिकी मिशन ने पाकिस्तान में बुधवार को सुरक्षा अलर्ट जारी करते हुए अमेरिकी नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों को छोड़ने की सलाह दी है.
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आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के समन्वय वाली इस जवाबी कार्रवाई पर ब्रिटेन, कतर, अमेरिका, रूस, बांगलादेश जैसे देशों की वैश्विक मीडिया संस्थान की नजरें भारत पर टिकी हैं. भारतीय सेना ने साफ किया है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते 22 अप्रैल को हुए कायराना आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने दहशतगर्दों पर लगभग दो हफ्ते तक कोई कार्रवाई नहीं की. इसके जवाब में भारत ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हमला किया.

आतंकी हमले में दो दर्जन निहत्थे नागरिकों की हत्या के बाद भारत का हमलाः विदेशी मीडिया
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने पर भारत ने हमला किया. जबकि विदेशी मीडिया बीबीसी ने लिखा है कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में हवाई हमले किए हैं. पश्चिम एशियाई देश कतर से संचालित मीडिया संस्थान अल-जजीरा ने भी पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के तीनों अंगों (थल-वायु और नौसेना) की संयुक्त कार्रवाई- ऑपरेशन सिंदूर पर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की. अमेरिकी सीएनएन ने अपनी खबर में कहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत का मिलिट्री ऑपरेशन शुरू होने के बाद हालात और गंभीर होने की आशंका है. यूएसए टुडे ने लिखा है कि परमाणु शक्ति संपन्न दो पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. उधर, अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत-पाकिस्तान सीमा और नियंत्रण रेखा के आस-पास के क्षेत्रों के लिए यात्रा न करने की सलाह दी है.
बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत की यात्रा न करें अमेरिकी
अमेरिका ने अपने एडवाइजरी में कहा है कि हमें यह भी पता है कि हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया है और कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी है कि वे पाकिस्तान के संघर्ष वाले क्षेत्रों से चले जाएं या किसी सुरक्षित स्थान पर शरण लें. अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि आतंकवाद के कारण बलूचिस्तान प्रांत और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत की यात्रा न करें. मालूम हो कि 22 अप्रैल को आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा किए गए हमले में 26 नागरिक मारे गए थे.
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