Trump Took Back the Bullet Train Project: आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह परियोजना एक बार फिर पटरी पर लौट सकेगी या फिर यह ट्रंप के शब्दों में “Train to Nowhere” बनकर ही रह जाएगी.
Trump Took Back the Bullet Train Project: सैन फ्रांसिस्को से लॉस एंजेलिस तक बुलेट ट्रेन की योजना एक बार फिर संदेह के घेरे में है. अमेरिका की ट्रंप सरकार ने कैलिफोर्निया के बहुप्रतीक्षित हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए निर्धारित 4 अरब डॉलर की फंडिंग को रद्द कर दिया है. इस फैसले से न केवल परियोजना की आर्थिक नींव डगमगाई है, बल्कि इसकी समयसीमा और कार्यान्वयन को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
क्यों वापस ली गई फंडिंग?
अमेरिकी ट्रांसपोर्टेशन डिपार्टमेंट ने घोषणा की कि वह 4 बिलियन डॉलर की फंडिंग वापस ले रहा है. इससे पहले ही ट्रंप प्रशासन ने संकेत दे दिए थे कि वह इस योजना को समर्थन नहीं देगा. ट्रंप और ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी सीन डफी दोनों ने इस परियोजना को “Train to Nowhere” कहकर आलोचना की थी. ट्रंप ने Truth Social पर लिखा, “जिस रेलवे का वादा किया गया था, वह आज तक अस्तित्व में नहीं है और कभी होगा भी नहीं.” ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि यह परियोजना जरूरत से ज़्यादा महंगी, अत्यधिक रेग्युलेटेड और लगातार विफल साबित हुई है.
परियोजना की स्थिति अब कैसी है?

इस परियोजना को पहली बार 2008 में वोटर्स की मंजूरी मिली थी और इसे इस दशक में पूरा किया जाना था. लेकिन लागत का आंकड़ा बढ़ता गया और समयसीमा भी आगे बढ़ती रही. अब राज्य सरकार बेकर्सफील्ड से मर्सेड के बीच 119 मील (लगभग 192 किलोमीटर) की लाइन पर फोकस कर रही है, जिसे 2033 तक शुरू करने की योजना है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन के फैसले से यह भी स्पष्ट हुआ है कि वह परियोजना को आधिकारिक तौर पर अधूरी और अव्यवस्थित मानता है. अमेरिकी फेडरल रेलरोड एडमिनिस्ट्रेशन के कार्यकारी प्रशासक ड्री फेली ने इसे “टूटे हुए वादों की कहानी” करार दिया है.
क्या कहती है राज्य सरकार?
कैलिफोर्निया हाई-स्पीड रेल अथॉरिटी के सीईओ इयान चौधरी ने कहा कि यह निर्णय “गैरकानूनी” है क्योंकि यह वित्तीय सहायता लीगल एग्रीमेंट्स के तहत दी गई थी और परियोजना ने अपनी सभी जिम्मेदारियां पूरी की हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक 50 से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रक्चर्स जैसे अंडरपास, ब्रिज और वायाडक्ट बन चुके हैं.
गवर्नर गैविन न्यूज़म ने इस निर्णय की निंदा करते हुए कहा, “ट्रंप चीन को भविष्य सौंपना चाहते हैं और कैलिफोर्निया के सेंट्रल वैली को पीछे छोड़ना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.” उन्होंने कहा कि राज्य इस फैसले को कानूनी चुनौती देने के सभी विकल्पों पर विचार करेगा.
परियोजना की फंडिंग कहां से आ रही है?
अब तक इस प्रोजेक्ट की कुल फंडिंग का लगभग 25% हिस्सा फेडरल सरकार से आया था. बाकी फंडिंग राज्य सरकार द्वारा वोटर-अप्रूव्ड बॉन्ड और कैप-एंड-ट्रेड प्रोग्राम के जरिए की जा रही थी. यह प्रोग्राम ग्रीनहाउस गैस को कम करने वाली योजनाओं को फंड करता है.
हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट को इस प्रोग्राम की ग्रीनहाउस गैस रिडक्शन फंड से हर साल लगभग 1 बिलियन डॉलर तक मिलते हैं. गवर्नर न्यूजम ने मई में प्रस्ताव रखा था कि इस फंड से हर साल 1 बिलियन डॉलर की गारंटी दी जाए, लेकिन अब तक इसे विधायकों की मंजूरी नहीं मिली है.
क्या है आगे का रास्ता?
कैलिफोर्निया सरकार अब निजी निवेशकों की भागीदारी को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है. रेल अथॉरिटी ने संभावित निजी निवेशकों से इस महीने के अंत तक अपनी दिलचस्पी जाहिर करने को कहा है. इस बीच, ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए कैप-एंड-ट्रेड फंडिंग को 2045 तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी सामने लाया गया है.
कैलिफोर्निया की हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना पर ट्रंप प्रशासन की फंडिंग वापसी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जबकि राज्य सरकार परियोजना को जारी रखने के लिए वैकल्पिक रास्ते खोज रही है, यह साफ है कि इसके भविष्य पर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है.
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