Trump Modi Tariff Tensions : अमेरिका के राष्ट्रपति डोन्लाड ट्रंप इस साल के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत का दौरा करने वाले थे लेकिन अब उन्होंने इसे लेकर बड़ी खबर सामने आई है.
Trump Modi Tariff Tensions : भारत और अमेरिका के बीच लगातार टैरिफ को लेकर संबंधों में तनाव देखने को मिल रहा है. इस बीच एक और खबर ने यह साफ कर दिया है कि ट्रंप भारत से चिढ़ रहे हैं. दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस साल के आखिर में क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा करने वाले थे लेकिन अब उनके आने की कोई योजना नहीं है.
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने छापी खबर
यहां पर आपको बता दें कि द न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इससे जुड़े मुद्दों पर दावा किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप के कार्यक्रम से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा कि मोदी को यह बताने के बाद कि वह इस साल के अंत में क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा करेंगे, लेकिन अब ट्रंप की भारत जाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, इस लेकर भारत और ट्रंप सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
इस बार भारत करेगा क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी
इस साल के अंत में भारत क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है. वहीं, ट्रंप प्रशासन ने इस साल हुए क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की थी जो जनवरी 2025 में आयोजित की गई थी.
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भारत-पाक के बीच सीजफायर का दावा कर रहे ट्रंप
रिपोर्ट की माने तो राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर लगातार सीजफायर का दावा कर रहे थे. इसमें दावा किया गया कि पीएम मोदी का ट्रंप के प्रति धैर्य जवाब दे रहा है. इस रिपोर्ट के दौरान ट्रंप और पीएम मोदी ने फोन पर बात भी की थी, जो ट्रंप के कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से वाशिंगटन लौटने के बाद हुई थी. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि मोदी और ट्रंप का कनानास्किस में जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान मिलने वाले थे लेकिन ट्रंप जल्दी ही वाशिंगटन लौट आए.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी दिया था बयान
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कनानास्किस से एक वीडियो जारी कर कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट रूप से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद के दिनों में किसी भी स्तर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौते या भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की ओर से मध्यस्थता के प्रस्ताव की बात नहीं हुई. सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर बातचीत भारत और पाकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच सीधे हुई और इसकी शुरुआत पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई. इस दौरान मिसरी ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता और न ही कभी करेगा.
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