Home Top News कौन हैं प्रोफेसर वांग झिचेंग जिनको पीएम मोदी ने सराहा, योग-भारतीय संस्कृति का कर रहे प्रचार ?

कौन हैं प्रोफेसर वांग झिचेंग जिनको पीएम मोदी ने सराहा, योग-भारतीय संस्कृति का कर रहे प्रचार ?

by Rishi
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Who is Professor Wang Zhicheng: प्रोफेसर वांग के अथक प्रयासों से चीन में योग ने व्यापक लोकप्रियता हासिल की है. आज यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक पसंदीदा पद्धति बन चुकी है.

Who is Professor Wang Zhicheng: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के प्रख्यात विद्वान प्रोफेसर वांग झिचेंग की जमकर तारीफ की है. पीएम मोदी ने प्रोफेसर वांग को पत्र लिखकर उनके योग, वेदांत और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण को सराहा है. वांग ने चीन में भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके लिए पीएम मोदी उनके कायल हो गए हैं.

झेजियांग विश्वविद्यालय में सौंपा गया पत्र

भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गुरुवार को हांगझो के प्रतिष्ठित झेजियांग विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में भारतीय महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने प्रोफेसर वांग को प्रधानमंत्री का पत्र सौंपा. इस अवसर पर वांग के भारतीय संस्कृति को चीनी जनमानस तक पहुंचाने के प्रयासों की प्रशंसा की गई.

भारत-चीन संबंधों की 75वीं वर्षगांठ

भारत और चीन इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. अपने पत्र में पीएम मोदी ने प्रोफेसर वांग के योग और वेदांत जैसे भारतीय दार्शनिक परंपराओं को बढ़ावा देने के समर्पण को रेखांकित किया. समारोह में महावाणिज्य दूत माथुर ने कहा, “प्रोफेसर वांग का योगदान भारत और चीन को हमारी समृद्ध परंपराओं के माध्यम से जोड़ने की साझा आकांक्षा को दर्शाता है.”

चीन में योग की बढ़ती लोकप्रियता

प्रोफेसर वांग के अथक प्रयासों से चीन में योग ने व्यापक लोकप्रियता हासिल की है. आज यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक पसंदीदा पद्धति बन चुकी है. माथुर ने कहा, “चीन में योग की लोकप्रियता इसकी सार्वभौमिक अपील और लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने की क्षमता का प्रमाण है.” पिछले एक दशक में चीनी शहरों में योग कक्षाएं, कार्यशालाएं और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे आयोजन लाखों लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.

सांस्कृतिक कूटनीति का मजबूत माध्यम

प्रोफेसर वांग के प्रयासों ने न केवल योग को बढ़ावा दिया, बल्कि भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक कूटनीति को भी मजबूत किया है. उनके कार्यों ने दोनों देशों के लोगों को एक-दूसरे की परंपराओं और इतिहास से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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