Xi Jinping China Update: नजर अब बीजिंग पर है, जहां से पाकिस्तान की हिम्मत और भारत की चुनौतियां अक्सर शुरू होती हैं.
Xi Jinping China Update: भारत के खिलाफ तेवर दिखाने वाला पाकिस्तान अब उसी ताकत को खो सकता है, जिस पर वह सबसे ज्यादा निर्भर रहा है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जो एशिया के राजनीतिक समीकरणों को झकझोर सकती है. बताया जा रहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अब शी जिनपिंग के विकल्प की तलाश में जुट गई है. अगर यह सच साबित होता है, तो पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका साबित हो सकता है.
चीन के भीतर उठने लगी विद्रोह की आहट
एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी जिनपिंग के लंबे और विवादित कार्यकाल से अब तंग आ चुकी है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच यह भावना गहराने लगी है कि जिनपिंग की विदेश नीति और वैचारिक मॉडल ने चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाया है. मौजूदा वैश्विक आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियों के बीच, पार्टी अब एक “ताजा चेहरा” चाहती है जो इस ठहरी हुई परिस्थिति में ऊर्जा भर सके.
CCP के भीतर जिनपिंग के खिलाफ गहरी नाराजगी
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि जिनपिंग को हटाने को लेकर पार्टी के अंदर चर्चा बहुत गंभीर हो चुकी है. कई वरिष्ठ नेता मानते हैं कि उनका नेतृत्व अब “भारी बोझ” बन गया है. इंटरनल असहमति और नीतिगत असफलताओं के कारण शी जिनपिंग की स्थिति डगमगाने लगी है. यह पहली बार है जब चीन जैसे नियंत्रित शासन में इतने खुले तौर पर शीर्ष नेतृत्व को लेकर असंतोष की खबरें आई हैं.
क्या झांग यूक्सिया बनेंगे चीन के अगले चेहरा?
शी जिनपिंग की जगह लेने के लिए एक नाम तेजी से उभर रहा है, झांग यूक्सिया. झांग, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के प्रथम उपाध्यक्ष हैं और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में गहरी पकड़ रखते हैं. हालांकि एक समय उन्हें जिनपिंग का करीबी और वफादार माना जाता था, लेकिन अब वे पार्टी के भीतर एक मजबूत विकल्प के रूप में देखे जा रहे हैं. अगर ऐसा होता है, तो चीन की आंतरिक और वैश्विक नीतियों में बड़ा बदलाव आ सकता है.
पाकिस्तान को क्यों लगेगा करारा झटका?

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के समय चीन ने पाकिस्तान को खुलकर समर्थन दिया था. हथियारों से लेकर रणनीतिक सलाह तक, हर मोर्चे पर जिनपिंग ने पाकिस्तानी नेतृत्व खासकर शहबाज शरीफ और जनरल आसिम मुनीर का साथ दिया था. पाकिस्तान की सेना और सरकार की रणनीति में चीन की भूमिका बेहद अहम रही है. लेकिन अगर शी जिनपिंग को हटाया जाता है और चीन की नीतियां बदलती हैं, तो पाकिस्तान को अपने सबसे बड़े रणनीतिक साझेदार में भारी बदलाव का सामना करना पड़ेगा. इससे भारत के प्रति उसकी आक्रामक नीति भी कमजोर पड़ सकती है.
नया चीन, नया समीकरण?
अगर चीन में नेतृत्व परिवर्तन होता है, तो इसका असर केवल चीन-पाक संबंधों पर नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की रणनीतिक दिशा पर पड़ सकता है. जिनपिंग की विदाई न सिर्फ पाकिस्तान के लिए सदमा होगी, बल्कि यह भारत के लिए एक कूटनीतिक अवसर भी हो सकता है.
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