केरल के कोल्लम जिले में गुरुवार को छात्र की अपने स्कूल परिसर में करंट लगने से मौत हो गई. हादसे के बाद विभिन्न विपक्षी दलों ने रोष प्रकट करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
Kollam (Kerala): केरल के कोल्लम जिले में गुरुवार को छात्र की अपने स्कूल परिसर में करंट लगने से मौत हो गई. हादसे के बाद विभिन्न विपक्षी दलों ने रोष प्रकट करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.मृतक की पहचान थेवलक्कारा स्थित ब्वायज हाई स्कूल के आठवीं कक्षा के छात्र मिथुन के रूप में हुई है. घटना गुरुवार सुबह करीब 9.15 बजे हुई, जब उसने स्कूल भवन से सटे साइकिल शेड पर गिरी एक चप्पल को उठाने की कोशिश की. पास में ही एक बिजली का तार लटका हुआ था और चप्पल निकालने की कोशिश करते समय मिथुन को करंट लग गया. जब वह दोस्तों के साथ फुटबॉल खेल रहा था, तभी फुटबाल मारते समय उसकी चप्पल छत पर चली गई.
मानवाधिकार आयोग ने घटना का लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निर्देश पर वित्त मंत्री के एन बालगोपाल और सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने मृतक छात्र को श्रद्धांजलि देने के लिए मेडिकल कॉलेज का दौरा किया. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष सनी जोसेफ ने भी छात्र को अंतिम श्रद्धांजलि दी. मिथुन की मां कुवैत में काम करती है. पिता ने कहा कि वह सुबह मिथुन को स्कूल ले गए थे. राज्य मानवाधिकार आयोग ने मौत के संबंध में अपने आप मामला दर्ज कर लिया है. यह कार्रवाई मीडिया रिपोर्टों के आधार पर की गई. सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इस घटना को बेहद दुखद बताया और शिक्षा महानिदेशक को जांच कर तत्काल रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. स्थानीय लोगों ने केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) और स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि यह दुर्घटना स्कूल के मैदान के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन के बेहद करीब टिन की चादरों से साइकिल शेड के निर्माण के कारण हुई. शेड को खेल के मैदान के बगल में स्कूल भवन की दीवार से सटाकर बनाया गया था.
लाइन के बहुत करीब थी टिन की छत
उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि बिजली की लाइन सालों से ऊपर से गुजर रही थी, लेकिन शेड के निर्माण के कारण टिन की छत लाइन के बहुत करीब आ गई थी. बताया जा रहा है कि कक्षा से सीधे शेड तक पहुंचा जा सकता है. मिथुन ने कक्षा से टिन की शीट पर चढ़ने के लिए एक डेस्क का इस्तेमाल किया था. ऐसा माना जाता है कि चप्पल निकालने की कोशिश में वह छत से फिसल गया और बिजली के तार के संपर्क में आ गया. सहायता प्राप्त स्कूल प्रबंधन के एक अधिकारी ने कहा कि शेड का निर्माण लगभग 15 साल पहले किया गया था और इससे पहले किसी भी छात्र ने इस पर चढ़ने का प्रयास नहीं किया था, क्योंकि शेड की ओर जाने वाले हिस्से को लकड़ी के बोर्ड से ढक दिया गया था. बताया जाता है कि मिथुन ने छत पर जाने के लिए बोर्ड हटा दिया था.
स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
हादसे के लिए भाजपा और कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया. विपक्षी दलों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री शिवनकुट्टी का पुतला भी फूंका. स्कूल प्रबंधन ने दावा किया कि उन्होंने बिजली की तारें हटाने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन केएसईबी ने कहा कि ऐसा कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. राज्य के ऊर्जा मंत्री के कृष्णनकुट्टी ने केएसईबी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि केएसईबी की ओर से चूक के सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. केपीसीसी अध्यक्ष सनी जोसेफ ने मिथुन की मौत को बेहद दर्दनाक बताया और जिम्मेदार केएसईबी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. केएसईबी के एक अधिकारी ने कहा कि यह घटना तब हुई जब ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बिजली की तारों पर लेप लगाने की तैयारी चल रही थी.
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