37 वर्षीय सोनीपत निवासी विपुल अंतिल की शिकायत पर अभिनेता और ब्रांड एंबेसडर तलपड़े और आलोक नाथ समेत 13 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अभिनेता श्रेयस तलपड़े को एक सोसायटी के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात के मामले में गिरफ्तारी से राहत प्रदान की. न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने अभिनेता की याचिका पर हरियाणा पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया. 37 वर्षीय सोनीपत निवासी विपुल अंतिल की शिकायत पर अभिनेता और ब्रांड एंबेसडर तलपड़े और आलोक नाथ समेत 13 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. अंतिल ने आरोप लगाया कि दोनों अभिनेताओं ने ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड को ब्रांड एंबेसडर के रूप में बढ़ावा दिया. सोनीपत के मुरथल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अजीत सिंह ने कहा कि शिकायत एक मल्टी-मार्केटिंग कंपनी के खिलाफ थी जिसकी जांच की जा रही है.
अभिनेता की भूमिका की होगी जांच
एसीपी ने कहा कि दोनों अभिनेताओं पर यह आरोप लगाया गया है कि वे इसके ब्रांड एंबेसडर थे और पीड़ित ऐसी हस्तियों के कारण निवेश करने के लिए आकर्षित हो गया था. शिकायत में उनका नाम था. एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. अब यह जांच की जाएगी कि उनकी क्या भूमिका थी. अंतिल की शिकायत पर 22 जनवरी को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 316 (2), 318 (2) और 318 (4) के तहत आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी सहित विभिन्न अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी. पीड़ित ने पुलिस में शिकायत की थी कि सोसायटी ने हरियाणा सहित कई राज्यों में 16 सितंबर 2016 से काम करना शुरू कर दिया था. सोसायटी का गठन बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत किया गया था.
समय पर पैसा न मिलने का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि इसका मुख्य कार्य सावधि जमा और आवर्ती जमा जैसी बचत योजनाएं प्रदान करना था. कंपनी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया और खुद को एक भरोसेमंद और सुरक्षित वित्तीय संस्थान के रूप में पेश किया. यह मॉडल मल्टी-लेवल मार्केटिंग पर आधारित था, जिससे निवेशकों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि बेहतर रिटर्न का वादा करते हुए सोसाइटी ने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और परिपक्वता राशि का भुगतान समय पर किया जाएगा.
सोसाइटी के अधिकारियों ने दिया झूठे आश्वासनः पीड़ित
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि शुरुआत में कुछ वर्षों तक उन्होंने ऐसा किया. इसमें आगे आरोप लगाया गया है कि 2023 में निवेशकों को परिपक्वता राशि का भुगतान बाधित होने लगा और सोसाइटी के अधिकारी सिस्टम अपग्रेडेशन का बहाना बनाकर देरी को सही ठहराने की कोशिश करते रहे. पीड़ित अंतिल ने दावा किया कि जब निवेशकों और एजेंटों ने सोसाइटी के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए. उन्होंने आगे कहा कि धीरे-धीरे सोसाइटी के मालिकों ने सभी संपर्क समाप्त कर दिए और निवेशकों को उनकी मेहनत की कमाई वापस नहीं मिली.
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