Bihar Election 2025 : बिहार में SIR के खिलाफ विपक्ष सड़कों पर है. लेकिन अभी तक BJP और कांग्रेस समेत किसी भी राष्ट्रीय दल ने अभी तक दावे और आपत्तियां नहीं दी हैं, जबकि प्रक्रिया में अभी चार दिन बाकी हैं.
Bihar Election 2025 : बिहार में मतदाता सूची SIR को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच घमासान मचा हुआ है. इसी बीच लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और RJD नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सड़कों पर उतरे हैं, जहां दोनों नेता केंद्र की NDA सरकार पर हमलावर हैं. जहां पर ये दोनों नेता वोट चोरी करने का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि बिहार की मसौदा मतदाता सूची नाम जोड़ने और हटाने के लिए अभी तक 1.95 लाख से ज्यादा दावे और आपत्तियां प्राप्त की गई हैं, जिनमें से करीब 25,000 का निपटारा किया गया है. इस दौरान CPI (ML) ने 79 और RJD ने 3 याचिकाएं दायर की हैं.
राष्ट्रीय दलों ने नहीं दर्ज की आपत्ति
इसके अलावा BJP और कांग्रेस समेत किसी भी राष्ट्रीय दल ने अभी तक दावे और आपत्तियां नहीं दी हैं, जबकि प्रक्रिया में अभी चार दिन बाकी हैं. चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट नहीं किया कि दावों और आपत्तियों के तहत 1,95,802 याचिकाओं में से कितनी हटानी है और किस पर गंभीरता से लेना है. एक अधिकारी ने कहा कि बताया विभिन्न कारणों से मसौदा सूची से हटाए गए 60 लाख से ज्यादा नामों की तुलना में दावे और आपत्तियां नगण्य हैं. चुनाव प्राधिकरण ने सोमवार को कहा था कि मसौदा सूची के अनुसार, 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 99.11 प्रतिशत के दस्तावेज़ अब तक प्राप्त हो चुके हैं. बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत एक अगस्त को मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित की गई थी.
11 दस्तावेज स्वीकार करने के लिए कहा
इलेक्शन कमीशन ने रविवार को इस बात पर जोर दिया था कि दावे और आपत्तियों की अवधि मतदाताओं को न केवल मसौदा सूची में गलतियों को सुधारने का अवसर देती है, बल्कि अपने आवश्यक दस्तावेजों भी जमा करने का अवसर प्रदान करती है, जो उन्होंने अपने गणना फॉर्म जमा करते समय उपलब्ध नहीं कराए होंगे. 24 जून से 24 अगस्त तक 60 दिनों में 98.2 प्रतिशत लोगों ने अपने दस्तावेज जमा कर दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अब चुनाव प्राधिकरण से मतदाता सूची नाम दर्ज कराने के इच्छुक लोगों से आधार या सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों में से कोई भी स्वीकार करने के लिए कहा है. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वह चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूचियों के SIR के लिए उस पर भरोसा बनाए रखे है.
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