CEC Gyanesh Kumar : एसआईआर को लेकर जहां तरफ विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और वहीं चुनाव आयोग ने दूसरे फेज में होने वाले एसआईआर की तैयारी कर ली है. अब इसकी प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हो जाएगी.
CEC Gyanesh Kumar : मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे फेज की शुरुआत 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में 4 नवंबर से होने वाली है. इससे पहले जब बिहार में एसआईआर किया गया था, जहां पर काफी हंगामा हुआ था और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने मतदाता अधिकार यात्रा निकालकर विरोध भी किया था. साथ ही चुनावी अभियान के दौरान राहुल गांधी ने इलेक्शन कमीशन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. अब दूसरे फेज का कार्य शुरू होने जा रहा है तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में एसआईआर एक शुद्धिकरण अभियान था और भारतीय लोकतंत्र के निर्माण में एक मील का पत्थर था.
51 करोड़ लोगों का पुनरीक्षण
मुख्य चुनाव आयुक्त ने रविवार को IIT-कानपुर के स्थापना दिवस में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान अकेले बिहार में चलाया गया और जब यह अभियान 12 राज्यों के 51 करोड़ मतदाताओं तक पहुंच जाएगा, तो यह चुनाव आयोग और राष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी. चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि जब यह प्रक्रिया पूरे देश में पूरी की जाएगी तो उस दौरान केवल इलेक्शन कमीशन पर नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक ताकत पर गर्व होगा. बता दें कि चुनाव आयोग ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह नवंबर से फरवरी के बीच में केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में एसआईआर करवाएगी. इसी बीच उन्होंने कहा कि मैं यहां सिर्फ इसलिए आया हूं क्योंकि मेरी मां चाहती थी. मैं अपनी मां की इच्छा का सम्मान करता हूं और आईआईटी कानपुर बिताए गए मेरे चार साल अविस्मरणीय रहे थे.
आईआईटी में मिला नया अनुभव
ज्ञानेश कुमार ने आगे कहा कि देश के नोट और वोट दोनों आईआईटीयनों (RBI गवर्नर और मुख्य चुनाव आयुक्त) के हाथों में हैं. उन्होंने आगे कहा कि आईआईटी में जो मूल्य आत्मसात किए हैं, उन्होंने मेरे प्रशासनिक जीवन में हमेशा मार्गदर्शन किया है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बिहार चुनाव पारदर्शिता, दक्षता और सरलता के नए मानक स्थापित करेंगे. लोकतंत्रों के लिए एक आदर्श बनेंगे. इसके अलावा उन्होंने अपनी पत्नी के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि काशी के घाटों पर गंगा में तैरना सीखना, वाराणसी के क्वींस इंटर कॉलेज में पढ़ाई करना, विभिन्न प्रकार की नौकरी और उसके बाद आईआईटी कानपुर में दाखिला लेने से पहले लखनऊ में उच्च शिक्षा प्राप्त करना कमान का अनुभव रहा है.
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