Home Latest News & Updates ‘हम छत पर नहीं जाते, हमें इंजन की आवाज बैचेन कर देती है…’ अहमदाबाद दुर्घटना के बाद बोले स्थानीय लोग

‘हम छत पर नहीं जाते, हमें इंजन की आवाज बैचेन कर देती है…’ अहमदाबाद दुर्घटना के बाद बोले स्थानीय लोग

by Sachin Kumar
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Ahmedabad localities affected by crash disturbed by aircraft engine sounds

Ahmedabad Plane Crash : प्लेन क्रैश का सबसे ज्यादा असर वहां पर रहने वाले लोगों पर पड़ा है. स्थानीय निवासियों ने बताया कि वह रात-रात तक सो नहीं पाते हैं और जब भी कोई जहाज छत से गुजरता है तो वह अपने घरों से निकलकर बाहर आ जाते हैं.

Ahmedabad Plane Crash : अहमदाबाद प्लेन क्रैश में हर एक मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है क्योंकि जांच के दौरान किसी न किसी पीड़ित का शव मिल जाता है. इसी बीच दुर्घटना स्थल के पास रहने वाले लोगों के दिल में इतनी बड़ी दहशत फैल गई है कि वह जब भी जहाज के इंजन की आवाज सुनते हैं तो सन्न पड़ जाते हैं. इसी कड़ी में अहमदाबाद के मेघानीनगर के बच्चों के लिए अपने घरों के ऊपर से उड़ते हुए विमानों को देखना एक समय काफी मजेदार गतिविधि लगती थी लेकिन इस भयावह घटना के बाद वहां पर रहने वाले बच्चों की खुशी को छीन लिया. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब स्थित मेघानीनगर और असरवा क्षेत्रों के लोगों के लिए चीजें फिर कभी वैसी नहीं होंगी.

छत से विमान गुजरने पर डर लगता

स्थानीय लोगों ने बताया कि अहमदाबाद ने देश की सबसे भयावह विमान दुर्घटना को देखा है जिसमें कुछ ही सेकेंड में करीब 265 लोगों की मौत हो गई थी. इसी बीच वहां पर रहने वाले यश परमार ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि एक समय ऊपर से जब विमान गुजरता था तो हम अपने दोस्तों के साथ छत पर जाकर उसकी आवाज को काफी इंजॉय करते थे. हम फ्लाइट को देखकर हाथ हिलाकर अभिवादन किया करते थे. लेकिन अब बच्चों के माता-पिता ने चिंता की वजह से उन्हें छत पर जाने से रोक दिया है. उन्होंने बताया कि जब कोई विमान हमारी छत से गुजरता है तो घबराहट होती है. अब हमें इंजन की आवाज बैचेन कर देती है.

दुश्मनों के जहाजों ने हमला कर दिया

वहीं, मेघानीनगर की निवासी हीराबेन प्रजापति ने कहा कि उनकी जैसी कई महिलाओं ने सोचा कि दुश्मनों के जहाजों ने हवाई अड्डों पर हमला कर दिया है. इस कारण लोग आग और धुएं के विशाल बादल को देखकर छिपने के लिए भाग रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि एक समय कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान और हमारे घरों के अंदर कंपन हमारे जीवन का हिस्सा थे और उन्होंने हमने कभी परेशान नहीं किया. लेकिन अब हम हर बार दोपहर के समय अपने घरों से बाहर निकल जाते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह उस दुर्भाग्यपूर्ण विमान की तरह दुर्घटनाग्रस्त न हो. इसके अलावा अब कई लोग इस घटना इतने प्रभावित हुए हैं कि रात में सो नहीं पाते हैं.

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