India-Pakistan War: भारत- पाक के बीच 10 मई से सीजफायर लागू हो चुका है. लेकिन इसके बाद भी, अभी भारत ने पाकिस्तान को अजाद नही किया है. दोनो देशों के बीच भले ही गोलाबारी रूक गई हो, लेकिन राजनीतिक तनाव अभी भी बरकरार है.
India-Pakistan War: भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई से सीजफायर लागू हो चूका है, लेकिन इसका भविष्य पाकिस्तान की नीयत पर टिका है. भारत ने साफ कर दिया है कि अगर पाकिस्तान की तरफ से उकसावे या आतंकवाद फिर शुरू होता हैं तो जवाब और भी सख्त होगा. पाक के धोखेबाजी वाली नियत को देखते हुए रणनीतिक स्तर पर भारत ने अभी कोई ढील नहीं दी है और अभी भी आतंकी ठिकानों पर नजर बनाए हुए है. सीजफायर के पीछे भारत का इरादा युद्ध टालना और सटीक कार्रवाई करना था, लेकिन स्थायी शांति तभी संभव है जब पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज आए.
संधि के बाद भी अस्थिर हालात, भारत ने दी चेतावनी
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष भले ही सीजफायर लागू हो गया हो, लेकिन इसका आने वाला कल पूरी तरह पाकिस्तान की नीयत और कार्रवाई पर निर्भर करेगा. भारत ने स्पष्ट किया है कि यदि पाकिस्तान ने फिर उकसावे या गोलीबारी की तो जवाब में पाकिस्तान का नक्शा बदलने में भारत को ज्यादा समय नहीं लगेगा. सरकार की तरफ से भारतीय सेना को पूर्ण स्वतंत्रता दे दी गई है कि वह पाकिस्तान की तरफ से की गयी हर गलती का मुंहतोड़ जवाब दें.

रणनीतिक विराम नहीं, सिर्फ गोलीबारी रुकी है
सीजफायर के बाद भले ही बंदूकें फिलहाल शांत हों, लेकिन रणनीतिक स्तर पर भारत ने कोई ढील नहीं दी है. पाकिस्तान पर कूटनीतिक और सामरिक दबाव बनाए रखने की नीति बरकरार है. भारत के पहले लिए गए फैसले जैसे वीजा, व्यापार, और राजनयिक संपर्क पर कोई नई छूट नहीं दी गई है. अभी भी सीमा पार आतंकी ठिकानों की उपस्थिति तनाव का मुख्य कारण बनी हुई है, जिसे या तो पाकिस्तान खुद संभाल ले नहीं तो भारत के हाथ में सौंप दे.
सीजफायर के पीछे की रणनीति
भारत ने इस सीजफायर को मानते हुए साफ कर दिया है कि उसका उद्देश्य युद्ध नहीं, बल्कि आतंकी हमलों का प्रभावी और सीमित जवाब देना था. ऑपरेशन सिन्दूर के तहत किसी भी सैन्य अड्डे को निशाना नहीं बनाया गया है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाब में नियंत्रित लेकिन स्पष्ट कार्रवाई की. साथ ही अमेरिका की मध्यस्थता को सिर्फ एक मंच के रूप में स्वीकार किया गया, फैसला अब भी भारत और पाकिस्तान के बीच ही होगा.
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