India-Pakistan Controversy : राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहरा दिया है. अब ये बात पाकिस्तान नहीं पचा पा रहा है और उल-जलूल बयान दे रहा है. इस पर भारत सरकार दो-टूक जवाब दिया है.
India-Pakistan Controversy : राम मंदिर पर झंडा फहराने को लेकर पाकिस्तान के बयान पर भारत ने आड़े हाथों लिया है और कहा कि इस्लामाबाद, जिसका कट्टरता और अपने अल्पसंख्यकों पर दबाव का लंबा रिकॉर्ड रहा है, उसे दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि हमने रिपोर्ट की गई बातों को ध्यान से देखा है और उन्हें उसी अपमान के साथ खारिज किया है जिसके वह हकदार हैं. उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर जिसका अपने अल्पसंख्यकों के साथ कट्टरता और दमन करने का इतिहास रहा है वह बिल्कुल भी दूसरे को सर्टिफिकेट न बांटें.
पाक ने की थी नापाक हरकत!
रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के पास दूसरों को उपदेश देने का कतई अधिकार नहीं है. वह दिखावटी उपदेश देने के बजाय अपने अंदर झांके. साथ ही पाकिस्तान को अपने देश में मानवाधिकार की बिगड़ती स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए. भारत की तरफ से यह टिप्पणी उस वक्त सामने आई है जब पाकिस्तान ने हाल ही में अयोध्या में स्थित राम मंदिर में ध्वजारोहण का विरोध किया था. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने समारोह पर गहरी चिंता जताई और बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर निर्माण का जिक्र किया. साथ ही आरोप लगाया कि यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव को दिखाता है.
पाकिस्तान पहले अपने अंदर झांके
राम मंदिर पर झंडा फहराने का पाकिस्तान ने विरोध किया था. साथ ही पाक ने कहा कि यह कदम कथित तौर पर धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते दबाव और मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश की है. इसके बाद ही भारत की तरफ से दो टूक जवाब दिया और भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान पहले अपने गिरेबां में झांके उसके बाद किसी अन्य देश के अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लेकर टिप्पणी करें.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा झंडा फहराया. ध्वजारोहण उत्सव मंदिर के निर्माण के पूरा होने का प्रतीक था. साथ ही अयोध्या में राम मंदिर में फहराए जाने वाला यह ध्वज 191 फीट की ऊंचाई है. यह ध्वज फहराना न केवल भगवान श्री राम के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि अयोध्या की सूर्यवंशी और रघुकुल परंपराओं की भी एक गौरवपूर्ण याद है. राम मंदिर पर फहराया जाने वाला झंडा मौसम-रोधी होगा यानी तेज धूप हो या बारिश, इस पर किसी का कोई असर नहीं पड़ेगा.वाल्मीकि रामायण में कोविदार वृक्ष का जिक्र है. ध्वज में एक चक्र भी लगा है और इस ध्वज को 6 कारीगरों ने मिलकर तैयार किया है.
यह भी पढ़ें- ‘BJP ने किया लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर…’ संविधान दिवस पर सचिन ने साधा BJP पर निशाना
