Home Latest News & Updates मोदी 18 जुलाई को बिहार और पश्चिम बंगाल को देंगे करोड़ों की सौगात, बिहार में चार नई ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी

मोदी 18 जुलाई को बिहार और पश्चिम बंगाल को देंगे करोड़ों की सौगात, बिहार में चार नई ट्रेनों को दिखाएंगे हरी झंडी

by Sanjay Kumar Srivastava
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प्रधानमंत्री रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से जुड़ी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे.

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 18 जुलाई को बिहार और पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी मोतिहारी में सुबह लगभग 11:30 बजे जनसभा को संबोधित करेंगे. इस दौरान बिहार के मोतिहारी में 7,200 करोड़ रुपए से अधिक की सौगात देंगे. वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके बाद वह पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे और दोपहर लगभग 3 बजे दुर्गापुर में 5000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर वह उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे।

बिहार में पीएम मोदी

प्रधानमंत्री रेल, सड़क, ग्रामीण विकास, मत्स्य पालन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से जुड़ी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. कई रेल परियोजनाएं पीएम मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसमें समस्तीपुर-बछवाड़ा रेल लाइन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग शामिल है, जिससे इस खंड पर कुशल रेल संचालन संभव होगा. दरभंगा-थलवारा और समस्तीपुर-रामभद्रपुर रेल लाइन का दोहरीकरण, दरभंगा-समस्तीपुर दोहरीकरण परियोजना का हिस्सा है, जिसकी लागत 580 करोड़ रुपये से अधिक है. इससे रेल संचालन की क्षमता बढ़ेगी और देरी कम होगी. प्रधानमंत्री कई रेल परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे. रेल परियोजनाओं में पाटलिपुत्र में वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव के लिए बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है. भटनी-छपरा ग्रामीण रेल लाइन (114 किमी) पर स्वचालित सिग्नलिंग, जिससे सुव्यवस्थित रेल संचालन संभव होगा.

पररिया से मोहनिया 4 लेन का भी उद्घाटन

प्रधानमंत्री एनएच-319 के पररिया से मोहनिया खंड के 4-लेन का भी उद्घाटन करेंगे, जिसकी लागत 820 करोड़ रुपये से अधिक है. यह एनएच-319 का वह हिस्सा है जो आरा शहर को एनएच-02 (स्वर्णिम चतुर्भुज) से जोड़ता है, जिससे माल और यात्री आवाजाही में सुधार होगा. अन्य परियोजनाओं के अलावा एनएच-333सी के सरवन से चकाई तक पेव्ड शोल्डर वाली 2-लेन सड़क भी बनाई जाएगी, जिससे माल और लोगों की आवाजाही सुगम होगी और बिहार और झारखंड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करेगी. ये सुविधाएं आईटी सॉफ्टवेयर और सेवा निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेंगी. साथ ही ये नवोदित उद्यमियों के लिए तकनीकी स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को भी विकसित करेंगी और नवाचार, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और उत्पाद विकास को प्रोत्साहित करेंगी.

स्वयं सहायता समूहों को देंगे 400 करोड़ रुपए

बिहार में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री मत्स्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री राजेंद्र नगर टर्मिनल (पटना) से नई दिल्ली, बापूधाम मोतिहारी से दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल), दरभंगा से लखनऊ (गोमती नगर) और मालदा टाउन से लखनऊ (गोमती नगर) के बीच भागलपुर के रास्ते चार नई अमृत भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे. इसके अलावा बिहार में लगभग 61,500 स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपए भी जारी करेंगे.

पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री तेल एवं गैस, बिजली, सड़क और रेल क्षेत्रों से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे. क्षेत्र में तेल एवं गैस अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के बांकुरा और पुरुलिया जिले में लगभग 1,950 करोड़ रुपये की लागत वाली भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखेंगे. प्रधानमंत्री दुर्गापुर-हल्दिया प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के दुर्गापुर से कोलकाता खंड (132 किलोमीटर) को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस क्षेत्र के लाखों घरों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति सुगम बनाएगी.

पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन करेंगे राष्ट्र को समर्पित

इसके अलावा सभी के लिए स्वच्छ हवा और स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्रधानमंत्री 1,457 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली दुर्गापुर स्टील थर्मल पावर स्टेशन और दामोदर घाटी निगम के रघुनाथपुर थर्मल पावर स्टेशन की रेट्रोफिटिंग प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली-फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देते हुए प्रधानमंत्री पुरुलिया में 390 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली पुरुलिया-कोटशिला रेल लाइन (36 किलोमीटर) के दोहरीकरण को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद के उद्योगों के बीच रांची और कोलकाता के साथ रेल संपर्क में सुधार करेगा. इससे कनेक्टिविटी में सुधार होगा और रेलवे लेवल क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी.

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