Parliament Monsoon Session : पार्लियामेंट में मानसून सत्र शुरू हो गया है और सत्र शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया. इसी कड़ी में मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को ऑपेरशन सिंदूर मामले में घेरना शुरू कर दिया.
Parliament Monsoon Session : संसद की शुरुआत काफी हंगामे से शुरू हुई है और पहले ही दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में जमकर हंगामा देखा गया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और पहलगाम आतंकी घटना को लेकर केंद्र सरकार को घेरने का काम किया. खरगे ने कहा कि मैंने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्थिति पर नियमों के मुताबिक सदन में नोटिस दिया है. उन्होंने कहा कि इस नोटिस के तहत पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था और उसे अंजाम देने वाले आतंकी आज तक नहीं पकड़े गए और न ही मारे गए हैं. साथ ही पहलगाम आतंकी हमले में बड़ी चूक हुई है इसको खुद जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने स्वीकार किया है.
जेपी नड्डा और खरगे आमने-सामने आए
इसी बीच मल्लिकार्जुन खरगे और सदन के नेता जेपी नड्डा के बीच काफी नोकझोंक देखी गई. जेपी नड्डा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि इस सदन के माध्यम से देश में ये मैसेज नहीं जाना चाहिए कि हम इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं. हम चर्चा में हिस्सा लेंगे और सदन के पटल में इस मुद्दे से जुड़ी हर एक बात हम रखेंगे. साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि देश की आजादी के बाद ऐसा ऑपरेशन आज नहीं हुआ है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में हुआ है. सदन में ऑपरेशन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया गया है जिस पर समय तय होने के बाद चर्चा की जाएगी. इसी बीच मल्लिकार्जुन ने सवाल किया कि हमने देश में एकता रखने के लिए और सेना को मजबूती देने के लिए सरकार बिना शर्त के समर्थन दिया था. ऐसे में सरकार से हम जानना चाहते हैं कि पूरी स्थिति क्या है?
प्रधानमंत्री को आतंकी हमले पर जवाब देना चाहिए
सदन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ऑपेरशन सिंदूर को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), उप सेना प्रमुख और हमारे एक वरिष्ठ Defence Attache ने कई खुलासे किए हैं. इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है, क्योंकि उन्होंने एक बार नहीं बल्कि 24 बार दावा किया है कि मैंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त किया है. ये देश के लिए अपमानजनक बात है. दो महीने पहले भी हमने विशेष सत्र की मांग की थी. खरगे ने कहा कि जब हम सत्तापक्ष और विपक्ष मिल रहा है तो हम चाहते हैं कि पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, हमारी सुरक्षा में चूक और फॉरेन पॉलिसी पर दो दिन की बहस होनी चाहिए, साथ ही प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.
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