Home Top News क्या ये तूफान से पहले की शांति है? ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह का नया बयान दे रहा कई सिग्नल

क्या ये तूफान से पहले की शांति है? ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह का नया बयान दे रहा कई सिग्नल

by Vikas Kumar
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Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि शांति का समय सिर्फ एक भ्रम है और भारत को हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए.

Rajnath Singh on Operation Sindoor: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा दिखाए गए पराक्रम की सराहना करते हुए कहा कि शांति का समय एक ‘भ्रम’ के अलावा कुछ नहीं है और भारत को अपेक्षाकृत शांत अवधि के दौरान भी अनिश्चितता के लिए तैयार रहना चाहिए. एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेशी रूप से निर्मित उपकरणों और प्लेटफार्मों के प्रदर्शन ने भारत में निर्मित सैन्य उत्पादों की वैश्विक मांग को बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा, “दुनिया हमारे रक्षा क्षेत्र को नए सम्मान के साथ देख रही है. वित्तीय प्रक्रियाओं में एक भी देरी या त्रुटि सीधे परिचालन तैयारियों को प्रभावित कर सकती है.”

‘भारत में बन रहे इक्विपमेंट’

राजनाथ सिंह ने कहा, “हम जो इक्विपमेंट पहले आयात करते थे, उनमें से अधिकांश अब भारत में बनाए जा रहे हैं. हमारे सुधार उच्चतम स्तर पर दृष्टि और प्रतिबद्धता की स्पष्टता के कारण सफल हो रहे हैं.” बता दें कि रक्षा मंत्री ने रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) के नियंत्रकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “वित्तीय प्रक्रियाओं में एक भी देरी या त्रुटि सीधे परिचालन तैयारियों को प्रभावित कर सकती है,” राजनाथ सिंह ने रक्षा विभाग से रक्षा में निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के साथ तालमेल बिठाते हुए “नियंत्रक” से “सुविधाकर्ता” के रूप में विकसित होने का आह्वान किया. बड़ी भू-राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री ने स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के विश्लेषण का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि 2024 में वैश्विक सैन्य व्यय 2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योगों के लिए जबरदस्त अवसर खुलते हैं.

आंतरिक सुधार का किया आग्रह

रक्षा मंत्री ने रक्षा विभाग के नए आदर्श वाक्य “सतर्क, चुस्त, अनुकूल” की प्रशंसा की और कहा कि ये केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि आज के तेजी से विकसित हो रहे रक्षा वातावरण में आवश्यक कार्य संस्कृति का प्रतिबिंब हैं. उन्होंने अधिकारियों से केवल बाहरी ऑडिट या सलाहकारों पर निर्भर रहने के बजाय आत्मनिरीक्षण के माध्यम से आंतरिक सुधार करने का आग्रह किया. “आंतरिक मूल्यांकन के माध्यम से किए गए सुधार जीवंत संगठन बनाते हैं. ये सुधार अधिक जैविक होते हैं, जिनमें कम बाधाएं होती हैं. उन्होंने कहा, “शांति का समय एक भ्रम के अलावा और कुछ नहीं है. अपेक्षाकृत शांत अवधि के दौरान भी हमें अनिश्चितता के लिए तैयार रहना चाहिए. चाहे उपकरणों के उत्पादन में तेजी लाना हो या वित्तीय प्रक्रियाओं को अपनाना हो, हमें हर समय नवीन तकनीकों और उत्तरदायी प्रणालियों के साथ तैयार रहना चाहिए.”

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