Home Top News विदेशी हस्तक्षेप पर नहीं, खुद की होगी देश की रक्षा प्रणाली, भारत बनाएगा ‘सुदर्शन चक्र’: राजनाथ

विदेशी हस्तक्षेप पर नहीं, खुद की होगी देश की रक्षा प्रणाली, भारत बनाएगा ‘सुदर्शन चक्र’: राजनाथ

by Sanjay Kumar Srivastava
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Defence Minister Rajnath Singh

India Defense System: ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि आधुनिक युद्धों में वायु रक्षा की अहमियत कई गुना बढ़ गई है. भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना होगा.

India Defense System: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शनिवार को डिफेंस समिट को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की रक्षा संरचना किसी भी अनिश्चित विदेशी हस्तक्षेप पर निर्भर नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे अपनी स्वदेशी क्षमताओं पर आधारित होना चाहिए. उन्होंने बताया कि सरकार अगले 10 वर्षों में प्रस्तावित ‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रणाली के तहत देशभर के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को पूर्ण हवाई सुरक्षा प्रदान करने की योजना पर काम कर रही है. रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि यह प्रणाली केवल रक्षात्मक ही नहीं, बल्कि आक्रामक क्षमताओं से भी लैस होगी, ताकि किसी भी संभावित दुश्मन के खतरे का तुरंत और प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि आधुनिक युद्धों में वायु रक्षा की अहमियत कई गुना बढ़ गई है और भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना होगा.

हवाई हमले को निष्प्रभावी करेगा वायु रक्षा कवच

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सुदर्शन चक्र मिशन भारत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक “गेम चेंजर” साबित होगा. इस परियोजना का उद्देश्य ऐसा वायु रक्षा कवच तैयार करना है, जो भविष्य में किसी भी हवाई हमले या मिसाइल हमले को निष्प्रभावी कर सके और देश की सामरिक ताकत को और मजबूत बनाए. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में इस महत्वाकांक्षी वायु रक्षा परियोजना की घोषणा की थी. यह घोषणा पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर द्वारा भविष्य में दोनों देशों के बीच किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति में सीमा पर भारतीय संपत्तियों को निशाना बनाने के कथित संकेत के कुछ दिनों बाद हुई है. रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि बदलती भू-राजनीति ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि रक्षा के क्षेत्र में बाहरी निर्भरता अब कोई विकल्प नहीं है.

रक्षा क्षेत्र राष्ट्रीय सुरक्षा की नींव

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में आत्मनिर्भरता हमारी अर्थव्यवस्था और हमारी सुरक्षा दोनों के लिए आवश्यक है.उन्होंने कहा कि आज रक्षा क्षेत्र न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की नींव है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और इसके भविष्य को सुरक्षित करने में एक स्तंभ भी बन गया है. उन्होंने कहा कि यह केवल लोगों की सुरक्षा, भूमि की सुरक्षा या सीमाओं की रक्षा के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमारी पूरी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक जिम्मेदार क्षेत्र भी बन रहा है. साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण को संरक्षणवाद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बिल्कुल भी संरक्षणवाद का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह संप्रभुता का मुद्दा है. यह राष्ट्रीय स्वायत्तता का मुद्दा है. यह आत्मविश्वास का मुद्दा है.

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