डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रूकवाना चाहते हैं. लेकिन रूस तैयारी नहीं हो रहा है और भारत रूस से सस्ते दामों पर तेल ले रहा है, ये बात ट्रंप को खल रही है और जिसका जिक्र उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर भी किया है.
Donald Trump announce tariff on India: क्या संयोग है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने कल ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में अपनी बात रखी और ट्रंप ने आज भारत पर टैरिफ लगा दिया. लगता है कि पीएम मोदी के बयान से ट्रंप खुश नहीं है पीएम मोदी ने कल लोकसभा में कहा कि दुनिया के किसी देश ने ऑपरेशन सिंदूर नहीं रूकवाया जबकि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती दी थी कि अगर ट्रंप की सीजफायर रूकवाने की बात झूठ है, तो पीएम मोदी ने जवाब दें. संसद में पीएम मोदी के भाषण के बाद ट्रंप ने फिर 30वीं बार सीजफायर रूकवाने का दावा किया और कुछ घंटे के बाद ट्रंप ने भारत पर टैरिफ पर ऐलान कर दिया.
अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि मित्र होने के बावजूद भारत और अमेरिका ने अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है साथ ने ऐलान कर दिया कि 25 फीसदी टैरिफ के साथ भारत पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. ट्रंप ने कहा कि “याद रखें, भारत हमारा मित्र है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में हमने उसके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है क्योंकि उसके टैरिफबहुत ज़्यादा हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने आगे लिखा, “इसके अलावा, भारत ने हमेशा अपने सैन्य उपकरणों का एक बड़ा हिस्सा रूस से ही खरीदा है, और चीन के साथ, वे रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं, ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं रोके -सब कुछ ठीक नहीं है, इसलिए, भारत को 1 अगस्त से 25% टैरिफ और जुर्माना देना होगा. इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद?
ट्रंप को भारत से मिर्ची क्यों लगी?
दरअसल भारत ने ट्रंप के सीजफायर के दावे को खारिज कर दिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल लोकसभा में कहा कि कि अमेरिका उपराष्ट्पति जेडी वेंस ने मई 9 को पीएम मोदी से फोन पर बात की और पाकिस्तान के संभावित हमले की बात की तो उन्होंने टो टूक में जवाब दिया, भारत मुंहतोड़ जवाब देगा. विदेश मंत्री ने एस जयशंकर ने कहा कि 10 मई को अंतरराष्ट्रीय कॉल्स आए थे, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान संघर्ष विराम चाहता है.
भारत ने जवाब दिया कि अगर पाकिस्तान को बात करनी है तो डीजीएमओ के माध्यम से औपचारिक अनुरोध करे इसके बाद दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सीजफायर किया गया है. वहीं जयशंकर ने साफ किया कि 22 अप्रैल से 17 जून के बीच मोदी और ट्रंप के बीच कोई सीधा संवाद नहीं हुआ. अब सवाल उठता है कि जब ट्रंप 30वीं बार सीजफायर का दावा कर रहे हैं तो कहीं न कहीं ट्रंप को भारत से नाराजगी है जाहिर है कि अमेरिका उपराष्ट्पति जेडी वेंस जो पीएम मोदी और विदेश मंत्री से बात की तो वेंस को बताना चाहिए था कि पीएम मोदी से क्या बात हुई? अभी तक वेंस ने पीएम मोदी से बातचीत का खुलासा नहीं किया कि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई?
ट्रंप को भारत से क्या गुस्सा है?
डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रूकवाना चाहता है लेकिन रूस तैयारी नहीं हो रहा है और भारत रूस से सस्ते दामों पर तेल ले रहा है, ये बात ट्रंप को खल रही है और जिसका जिक्र उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर भी किया है. यही नहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के मुद्दे को जब यूएन में लाया जाया गया तो भारत वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. रूस से भारत की दोस्ती अमेरिका को पच नहीं रहा है इसीलिए पहले नाटो और फिर यूरोपियन यूनियन ने भारत पर नकेल कसने की धमकी दी थी, यहां तक यूरोपियन यूनियन ने रूस की कंपनी जिसकी तेल कंपनी भारत में हैं उस पर प्रतिबंध भी लगाने का काम किया ताकि भारत से रूसी कंपनी का तेल यूरोपियन यूनियन में नहीं जा पाएगा. लगता है कि इसका तत्काल असर भारत पर नहीं पड़ा है तो अमेरिका ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने ऐलान कर दिया है जबकि टैरिउ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच पांच बार बातचीत हो चुकी है लेकिन डील पर समझौता नहीं हो पाया क्योंकि भारत को अमेरिका के कुछ ट्रेडस पर आपत्ति है. ये भी कहा जा रहा था कि टैरिफ को लेकर फिर से दोनों देशों के बीच बातचीत होगी लेकिन ट्रंप ने एकतरफा टैरिफ लगाने का फैसला किया, जबकि इसके पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि अमेरिका के साथ व्यपार समझौते पर बात चल रही है.
उन्होंने कहा था कि वार्ता बहुत तेजी से और आपसी सहयोग की भावना से चल रही है ताकि हम अमेरिका के साथ एक फायदेमंद व्यापार समझौता कर सकें लेकिन ट्रंप ने एकतरफा घोषणा कर दी है. ये भी कहा जा रहा है कि टैरिफ पर बात करने के लिए अगले महीने अमेरिकन टीम भी आने वाली है, सवाल है अब क्या बात होगी? जबकि ट्रंप के एकतरफा फैसला पर भारत सरकार ने कहा है कि भारत और अमेरिका पिछले कुछ महीनों से एक निष्पक्ष, संतुलित और पारस्पारिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार पर पहुंचने के लिए बातचीत कर रहे हैं. हम इसे उद्देश्य प्रति प्रतिबद्ध हैं. सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, जैसा कि ब्रिट्रेन के साथ हुए व्यापार समझौते में किया गया है भारत और अमेरिका के बीच व्यापार अमेरिका मे 2 अप्रैल को भारत पर 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया था जिसे बाद में 90 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया था और दोनों देशों के बीच टैरिफ पर बातचीत चल रही थी.
ये बात हुई थी कि दोनों देशों के बीच 2030 तक द्विपक्षीय ट्रेड को 2030 तक बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर करने की बात थी. गौर करने बात है कि भारत और अमेरिका में 2024 तक करीब 129.2 बिलियन डॉलर का ट्रेड हुआ था. भारत को अमेरिका ने 41.8 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था जबकि भारत ने अमेरिका को 87.4 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था, मतलब अमेरिका का भारत से ट्रेड घाटा करीब 45.7 बिलियन डॉलर का है, ये बातें अमेरिका को खलता है.
शेयर बाजार पर क्या असर होगा?
ट्रंप के एकतरफा फैसले पर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और लगता है कि सरकार अमेरिका से बातचीत जारी करने के मूड में दिख रही है. वहीं अमेरिका ने ये भी संकेत दिये हैं कि रूस से डिफेंस और एनर्जी खरीदने के चलते पेनल्टी भी लगाया जाएगा लेकिन सवाल है कितना पेनल्टी लगाया जाएगा, ये साफ नहीं है. ये माना जा रहा है कि अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने के एकतरफा फैसले से भारतीय बाजारों पर असर पड़ सकता है? हो सकता है कि इसका असर नहीं पड़ें क्योंकि ट्रंप पलटी मारने में माहिर हैं. हो सकता है भारत पर हल्का तात्कालिक असर हो लेकिन लंबी अवधि में इसका असर नहीं हो. बाजार पर डंके की चोट पर कुछ नहीं कहा जा सकता है, इसके लिए कल शेयर बाजार के रूख का इंतजार करना पड़ेगा.
धर्मेन्द्र कुमार सिंह,
इनपुट एडिटर, लाईव टाइम्स

(लेखक के विचार पूरी तरह से व्यक्तिगत हैं)
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