Home राष्ट्रीय Vyomika Singh: इत्तेफाक या किस्मत? कैसे ‘व्योमिका’ नाम ने ही लिखी आसमान की इस बेटी की कहानी

Vyomika Singh: इत्तेफाक या किस्मत? कैसे ‘व्योमिका’ नाम ने ही लिखी आसमान की इस बेटी की कहानी

by Jiya Kaushik
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Vyomika Singh: प्रेस ब्रीफिंग करने के बाद से विंग कमांडर व्योमिका सिंह मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं.

Vyomika Singh: प्रेस ब्रीफिंग करने के बाद से विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं. इसी बीच हम आपको विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं.

Vyomika Singh: पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया. जिसको भारत की दो साहसी महिलाएं विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेट किया. प्रेस ब्रीफिंग करने के बाद से दोनों महिलाएं मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं. इसी बीच हम आपको विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं. क्या आप जानते हैं कौन है व्योमिका सिंह? क्या है उनकी कहानी? आइये जानते हैं उस महिला के बारे में जिससे डरा हुआ है पाकिस्तान

ऑपरेशन सिन्दूर की हाल ही में हुई प्रेस ब्रीफिंग के दौरान देश और दुनिया के सामने एक दृढ़ और प्रेरक महिला अधिकारी के रूप में उभरीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह, भारतीय वायुसेना की कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं . उनका नाम- जिसका अर्थ है ‘आकाश से जुड़ी हुई’- उनके बचपन के सपनों और आज के कमाल के सैन्य करियर का प्रतीक बन गया है. लखनऊ की बेटी और बापोड़ा गांव की बहू व्योमिका ने अपने जुनून, साहस और समर्पण से भारतीय वायुसेना में एक मिसाल कायम की है.

नाम से शुरू हुई उड़ान

कक्षा छह की एक साधारण-सी चर्चा ने व्योमिका सिंह की जिंदगी की दिशा तय कर दी थी. जब उनकी एक दोस्त ने ‘व्योमिका’ को ‘आकाश की रानी’ कहकर पुकारा, तो उस मासूम पल ने उनके अंदर एक पायलट बनने का सपना बो दिया. उन्होंने इस सपना को न केवल संजोया, बल्कि एनसीसी से लेकर इंजीनियरिंग और फिर वायुसेना में शामिल होकर उसे साकार भी किया. 2019 में फ्लाइंग ब्रांच में परमानेंट कमीशन मिलने के बाद, उन्होंने मुश्किल इलाकों में चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को उड़ाकर खुद को एक जांबाज पायलट के रूप में सिद्ध किया.

ऑपरेशन सिंदूर की कहानी, जब नारी शक्ति ने संभाला मोर्चा

IAF Wing Commander Vyomika Singh

भारत के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में हुए ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी जब देश और दुनिया को दी गई, तब मंच पर खड़ी थीं विंग कमांडर व्योमिका सिंह. उनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिसरी और कर्नल सोफिया कुरैशी भी थे, लेकिन व्योमिका का आत्मविश्वास, स्पष्ट भाषा और दृढ़ता अलग ही छाप छोड़ गई. यह सिर्फ एक सैन्य ब्रीफिंग नहीं थी, यह एक महिला सैन्य अधिकारी का वह क्षण था जब उसने एक राष्ट्र की सुरक्षा रणनीति को दुनिया के सामने गर्व से रखा. वह नारी शक्ति और प्रोफेशनलिज्म की मिसाल बन गईं.

लखनऊ की बेटी, फौजियों की बहू

व्योमिका सिंह की जड़ें लखनऊ में हैं, लेकिन उनकी ससुराल हरियाणा के भिवानी जिले के बापोड़ा गांव में है- जिसे ‘फौजियों का गांव’ कहा जाता है. इस गांव से पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह समेत कई वीर अधिकारी निकले हैं. खास बात यह है की, उनके पति भी वायुसेना में विंग कमांडर हैं. परिवार और परंपरा से जुड़े इस सैन्य परिवेश में व्योमिका सिर्फ एक अफसर नहीं, बल्कि अगली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं. उनके पास 2500 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव है और उन्होंने पूर्वोत्तर भारत से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के चुनौतीपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है.

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