बंदरगाह अधिकारियों ने बताया कि 399.9 मीटर लंबाई और 61.3 मीटर चौड़ाई वाला यह जहाज फीफा द्वारा निर्धारित मानक फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है.
Thiruvananthapuram: दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर जहाज एमएससी इरिना सोमवार सुबह विझिनजाम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह पर पहुंचा. जहाज के मंगलवार तक खड़े रहने की उम्मीद है. यह पोत सोमवार को सुबह 8 बजे विझिनजाम पहुंचा, जहां पहुंचने पर इसे पारंपरिक जल सलामी दी गई.बंदरगाह अधिकारियों ने बताया कि एमएससी इरीना का आगमन गहरे पानी के बंदरगाह के लिए एक बड़ा कदम है, जिसका औपचारिक उद्घाटन 2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
विझिनजाम बंदरगाह के लिए गौरव का पल
बंदरगाह के अधिकारियों ने बताया कि यह विशाल जहाज वैश्विक व्यापार में भारत की बढ़ती भूमिका का एक शानदार प्रतीक है. एक्स पर एक पोस्ट में अदानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदानी ने कहा कि 24,346 टीईयू की क्षमता वाले दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज एमएससी इरीना का हमारे विझिनजाम बंदरगाह पर स्वागत करते हुए हमें गर्व है. यह पोत की दक्षिण एशियाई तटों की पहली यात्रा है, जो इसे न केवल विझिनजाम के लिए बल्कि वैश्विक ट्रांसशिपमेंट में भारत के लिए एक मील का पत्थर है.

फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा
बंदरगाह अधिकारियों ने बताया कि 399.9 मीटर लंबाई और 61.3 मीटर चौड़ाई वाला यह जहाज फीफा द्वारा निर्धारित मानक फुटबॉल मैदान से लगभग चार गुना लंबा है. एशिया और यूरोप के बीच बड़ी मात्रा में कंटेनरों के परिवहन की सुविधा के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया एमएससी इरीना व्यापार मार्गों और रसद दक्षता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह जहाज दक्षिण एशियाई बंदरगाह की अपनी पहली यात्रा कर रहा है, जो अल्ट्रा-लार्ज कंटेनर वेसल्स (यूएलसीवी) को संभालने में विझिंजम की क्षमताओं को उजागर करता है. बंदरगाह ने हाल ही में एमएससी तुर्किये और एमएससी मिशेल कैपेलिनी सहित अन्य आइकन श्रेणी के जहाजों का स्वागत किया है, जिससे समुद्री व्यापार में एक प्रमुख केंद्र के रूप में इसकी प्रतिष्ठा और मजबूत हुई है.
मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था एमएससी इरीना जहाज
अप्रैल 2023 में एमएससी इरीना की पहली यात्रा शुरू हुई थी. इसे मार्च 2023 में लॉन्च किया गया था. इसे 26 स्तरों तक ऊंचे कंटेनरों को स्टैक करने के लिए इंजीनियर किया गया है, जो कंटेनर स्टैकिंग में अद्वितीय क्षमता प्रदान करता है. समकालीन पर्यावरण मानकों के अनुरूप, पोत ऊर्जा-बचत सुविधाओं से लैस है जो कार्बन उत्सर्जन में 4 प्रतिशत तक की कमी करने में योगदान देता है. परिचालन दक्षता बनाए रखते हुए इसके कार्बन पदचिह्न को काफी कम करता है.
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