Home Top 2 News JDU ने फिर उठाई बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, लंबे समय से जारी है डिमांड

JDU ने फिर उठाई बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, लंबे समय से जारी है डिमांड

by Rashmi Rani
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Special Status for Bihar

Special Status for Bihar: बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा की हमारी मांग पूरी तरह से उचित है और हम बिहार के लिए एससीएस की अपनी मांग पर कायम हैं.

07 June, 2024

Special Status for Bihar: दिल्ली में NDA दल की बैठक शुरू हो गई है. बिहार समेत NDA के सभी 293 सांसद, राज्यसभा सांसद और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी CM इस बैठक में मौजूद हैं. केंद्र में सरकार बनाने के लिए BJP का भरोसा JDU समेत अपने सहयोगियों पर है. वहीं, अब जेडीयू बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरानी मांग फिर उठा रहा है. बिहार कैबिनेट ने पिछले साल प्रस्ताव पास कर केंद्र से राज्य को एससीएस का दर्जा देने की अपील की थी.उस समय केंद्र ने कहा था कि वो किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर विचार नहीं करेगा, क्योंकि 14वें वित्त आयोग ने इसे खत्म करने की सिफारिश की है.

BJP को अपने सहयोगियों के समर्थन की जरूरत

एससीएस की शुरुआत 1969 में पहाड़ी इलाकों, रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और आर्थिक और ढांचागत तौर पर पिछड़े राज्यों के फायदे के लिए की गई थी. एनडीए में 12 सांसदों वाली जेडीयू 16 सांसदों वाले टीडीपी के बाद BJP की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है. केंद्र में सरकार बनाने के लिए BJP को जडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों का समर्थन जरूरी है.

जेडीयू ने रखी अपनी मांग

जेडीयू के नेता और बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जेडीयू, एनडीए का हिस्सा है और उसके साथ रहेगा. लेकिन जेडीयू की कुछ मांगें हैं, बिहार की वित्तीय स्थिति और अर्थव्यवस्था को केंद्र द्वारा पूरा किया जाना चाहिए. बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की हमारी मांग पूरी तरह से उचित है और हम बिहार के लिए एससीएस की अपनी मांग पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार 2011-12 से राज्य के लिए एससीएस की मांग कर रही है. इससे पहले इस बारे में एक प्रस्ताव पास किया गया था.

विशेष राज्य के दर्जे से क्या है फायदा

नीति आयोग ने पहले माना था कि बिहार ने पिछले दशक में कई क्षेत्रों में जबरदस्त प्रगति की है, लेकिन अतीत में इसकी कमजोर बुनियाद की वजह से दूसरों राज्यों के बराबर पहुंचने में कुछ और समय लग सकता है. जानकारों के मुताबिक विशेष राज्य का दर्जा वाले राज्यों को वित्तीय और करों के मामले में मदद मिलती है. इसका मकसद उन्हें इंवेस्टमेंट आकर्षित करना और बेहतर आर्थिक विकास करना है.

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