Elephant Attack: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शुक्रवार को एक जंगली हाथी ने महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. जबकि हमले में तीन गंभीर घायल हो गए.
Elephant Attack: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शुक्रवार को एक जंगली हाथी ने महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. जबकि हमले में बेटे और बेटी समेत तीन लोग गंभीर घायल हो गए. वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सिपट वन क्षेत्र के खाप्रीखोल गांव की निवासी कुमारी बाई यादव (45), उसके बेटे दुर्गा प्रसाद (13) और उसकी 17 वर्षीय बेटी पर शुक्रवार तड़के हाथी ने उस समय हमला कर दिया, जब वे धान की फसल की रक्षा के लिए अपने घर के पिछवाड़े में सो रहे थे. अधिकारी ने बताया कि जंगली हाथी ने कुमारी बाई पर हमला किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दुर्गा प्रसाद के पैरों और सिर पर गंभीर चोटें आईं. उसकी बेटी भी घायल हो गई. महिला की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया. हाथी के हमले से पूरे गांव में दहशत फैल गई.
मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सूचना मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि उसके बच्चों को बिलासपुर शहर के सरकारी छत्तीसगढ़ आयुर्वेद संस्थान (सीआईएमएस) में भर्ती कराया गया है. उन्होंने आगे बताया कि कुछ घंटों बाद उसी हाथी ने बिलासपुर वन क्षेत्र के अंतर्गत धुरिपारा गांव के निवासी राजेश धुर्री (22) पर हमला कर दिया, जब वह गांव में अपने घर के पास स्नान करने जा रहा था. धुरिपारा गांव खपरीखोल गांव से लगभग चार किलोमीटर दूर है. वन अधिकारी ने बताया कि राजेश के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और उसका पैर टूट गया है. उसके परिवार वालों ने उसे बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है.
वन विभाग ने परिजनों को दी सहायता राशि
वन अधिकारी ने बताया कि यह जंगली हाथी एक सप्ताह से अधिक समय से अपने झुंड से अलग है और इलाके में घूम रहा है. उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को शुरुआती राहत राशि के रूप में 25,000 रुपये दिए गए हैं और बाकी मुआवजा उचित प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि गंभीर रूप से घायल दोनों व्यक्तियों को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी गई है. पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ में खासकर उत्तरी भागों में, मानव-हाथी संघर्ष चिंता का विषय बन गया है. सबसे अधिक प्रभावित जिले रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, बलरामपुर और जशपुर हैं. वन अधिकारियों ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में हाथी के हमलों में लगभग 320 लोगों की मौत हो चुकी है.
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