Bengaluru News: बेंगलुरु में पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत हो गई. मौत के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
Bengaluru News: बेंगलुरु में पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत हो गई. मौत के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. एक पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया कि हिरासत में प्रताड़ित किए जाने के कुछ दिनों बाद शहर के निकट स्थित एक पुनर्वास केंद्र में 22 वर्षीय दलित युवक की मौत के सिलसिले में चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. यहां विवेकनगर निवासी दर्शन पीजी की 26 नवंबर को मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि विवेकनगर थाने से जुड़े एक निरीक्षक, एक कांस्टेबल और दो अन्य पुलिसकर्मियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच अब सीआईडी कर रही है. मृतक युवक की मां ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके बेटे दर्शन को पुलिस ने 12 नवंबर को शराब के नशे में गिरफ्तार किया था.
बेटे के शरीर पर थे चोट के निशानः मां
युवक पर आरोप था कि वह नशे में पड़ोसियों से झगड़ा कर रहा था. साथ ही उपद्रव भी कर रहा था. एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में, 16 नवंबर को उसकी मां के अनुरोध पर उसे जेल की बजाय बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित एक पुनर्वास केंद्र भेज दिया गया क्योंकि वह शराब का आदी था. उसने आरोप लगाया कि पुलिस ने दाखिले के लिए 7,500 रुपये लिए और दर्शन को सीधे पुनर्वास केंद्र भेज दिया. हालांकि, उसकी मां को वहां अपने बेटे से बात करने या मिलने की अनुमति नहीं थी और जब उसने पूछताछ की तो संबंधित अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वह ठीक है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि 26 नवंबर को उसे बताया गया कि सांस लेने में तकलीफ के बाद उसके बेटे की मौत हो गई. मां जब पुनर्वास केंद्र पहुंची तो देखा कि बेटे के शरीर पर चोट के निशान दिखाई दे रहे थे. मां ने संदेह जताया कि हिरासत में रहने के दौरान पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया था, जिसके कारण बाद में पुनर्वास केंद्र में उसकी मृत्यु हो गई.
पुलिसकर्मियों पर हत्या का केस दर्ज
अधिकारी ने कहा कि मां द्वारा अपनी शिकायत में लगाए गए आरोपों के आधार पर हमने मदनायकनहल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) (हत्या) और 127 (3) (गलत कारावास) और 3 (5) (सामान्य इरादे) के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं को भी चार पुलिस अधिकारियों और निजी पुनर्वास केंद्र के मालिक के खिलाफ लगाया गया है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामला सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया गया है. सीआईडी आरोपों और उस समय से घटनाओं के पूरे अनुक्रम की जांच करेगी. जब युवक को हिरासत में लिया गया था और पुनर्वास केंद्र में उसकी मृत्यु हो गई थी, इस मामले की भी जांच सीआईडी करेगी.
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