Congress Working Committee Meeting: कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पिछड़ा वर्ग, वोट चोरी से लेकर ट्रंप प्रशासन के टैरिफ तक पर होगी चर्चा होगी.
24 September, 2025
Congress Working Committee Meeting: बुधवार को पटना पूरी तरह कांग्रेस के रंग में रंगा हुआ है. सदाकत आश्रम, जहां कभी जयप्रकाश आंदोलन की गूंज सुनाई दी थी, अब कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक का गवाह बन रहा है. यहां राहुल गांधी समेत पार्टी के टॉप नेता इकट्ठा हुए हैं. माहौल चुनावी है और एजेंडा भी. ऐसे में इस मीटिंग में बदलाव, जातिगत समीकरण के साथ-साथ नेशनल और इंटरनेशनल मुद्दों पर बात होगी.
कार्यकर्ताओं की एक्साइटमेंट
इस बैठक को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में काफी एक्साइटमेंट है. जगह-जगह बैनर-पोस्टर लगे हैं और पटना की सड़कों पर कांग्रेसियों की खूब नज़र आ रही है. खास बात ये है कि इस बार राहुल गांधी के एजेंडे में अति पिछड़ा वर्ग पर बड़ा फोकस है. इसके अलावा वोट चोरी से लेकर अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ जैसे इंटरनेशनल मसले पर भी चर्चा होगी.
बीजेपी का तंज
बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव दीपा दास मुंशी, सैयद नासिर हुसैन और मीरा कुमार जैसे कई दिग्गज मौजूद हैं. वहीं, बाहर BJP ने महागठबंधन पर पोस्टरों के जरिए तंज कसना शुरू कर दिया है. सियासी हमलों और जवाबी हमलों के बीच पटना का माहौल पूरी तरह चुनावी जंग जैसा हो गया है. इस बीच कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “इतने सालों बाद बिहार में सीडब्ल्यूसी की बैठक हो रही है. मुझे भरोसा है कि यहां से अच्छे संकेत निकलेंगे. राहुल गांधी और हमारे साथियों ने बदलाव के लिए पूरी मेहनत की है. अब बिहार को बदलाव की जरूरत है.
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सम्राट चौधरी का सियासी वार
उधर, बीजेपी की ओर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार को नौसिखियों की नहीं, बल्कि मैच्योर राजनीति की ज़रूरत है. उन्होंने कांग्रेस को राजतंत्र का प्रतिनिधि बताया और लालू यादव पर भी कटाक्ष किए. उन्होंने नीतीश सरकार के कामकाज, मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत और बीजेपी के मंडल कमीशन समर्थन जैसे मुद्दों को गिनाकर अपने पक्ष को मजबूत करने की कोशिश की.
पटना क्यों अहम?
बिहार की राजनीति जातिगत समीकरणों और जनसंघर्षों की धरती रही है. ऐसे में कांग्रेस का यहां इतनी बड़ी बैठक करना, क्लियर संकेत है कि पार्टी बिहार चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. पटना की इस बैठक ने कांग्रेस को एक नया सियासी मंच दे दिया है. सवाल ये है कि क्या ये जोश जनता तक पहुंचेगा या फिर बीजेपी-जे़डीयू का पलड़ा भारी रहेगा?
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