पीड़ित महिला ने चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी की तलाश करते हुए शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर अपना बायोडाटा अपलोड किया था.
New Delhi: दिल्ली पुलिस ने एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है. यह कॉल सेंटर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था. मामला तब खुला जब एक पीड़ित युवती ने पुलिस से शिकायत की. दिल्ली पुलिस ने एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है.कॉल सेंटर अपने यहां भर्ती करने का लालच देता था और इसके एवज में सिक्योरिटी मनी के रूप में कुछ भुगतान करने को कहता था.इस तरह से सेंटर के कर्ता-धर्ता नौकरी चाहने वालों को निशाना बनाकर ऑनलाइन नौकरी घोटाला चला रहे थे. पुलिस ने कहा कि सरगना सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पीड़िता ने शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर अपलोड किया था अपना बायोडाटा
पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पीड़ितों को प्रशिक्षण, दस्तावेज़ीकरण और किट वितरण जैसी प्रक्रियाओं के लिए भुगतान करने को कहा. पुलिस ने बताया कि कार्रवाई एक पीड़ित महिला द्वारा दर्ज की गई शिकायत के बाद की गई, जिसने चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी की तलाश करते हुए जनवरी में शाइन डॉट कॉम और नौकरी डॉट कॉम पर अपना बायोडाटा अपलोड किया था. 27 जनवरी को पीड़िता के पास खुद को प्रिया बताने वाली एक महिला का फोन आया, जिसने उसे नौकरी की पेशकश की और वापसी योग्य सुरक्षा जमा के रूप में 500 रुपये मांगे. पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने कहा कि इसके कुछ दिनों बाद पीड़िता को दस्तावेज़ सत्यापन के लिए 7,500 रुपये, कार्य किट भेजने के लिए 7,250 रुपये और अंततः वेतन खाता प्रसंस्करण के लिए 11,000 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया.
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नोएडा के सेक्टर-3 में चल रहा था अवैध काल सेंटर
अधिकारी ने कहा कि अंतिम मांग से उसका संदेह बढ़ गया और उसने आगे भुगतान करने से इनकार कर दिया. उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है. पीड़िता ने साइबर सेल से संपर्क किया. भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. पुलिस को नोएडा में एटीएम सीसीटीवी फुटेज मिली, जिसमें एक नकाबपोश संदिग्ध को पीड़ित के भुगतान से नकदी निकालते देखा गया. लपुलिस ने बताया कि शाइन डॉट कॉम से कॉल डिटेल रिकॉर्ड और आईपी लॉग सहित तकनीकी निगरानी का उपयोग करते हुए पुलिस ने एक भर्तीकर्ता पर ध्यान केंद्रित किया, जो संदिग्ध के प्रोफाइल से मेल खाता था. आगे की निगरानी से पता चला कि वह नोएडा के सेक्टर-3 में एक मकान से काम कर रहा था. इसके बाद 14 मई को स्थानीय पुलिस की सहायता से दिल्ली पुलिस ने साइट पर छापा मारा, जिसके परिणामस्वरूप फ़हीक सिद्दीकी को छह अन्य पुरुषों और छह महिलाओं के साथ गिरफ्तार किया गया, जो सभी अवैध कॉल सेंटर चलाते पाए गए.
आठ लैपटॉप, 47 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड, और 1,31,500 रुपये नकद बरामद
पुलिस ने कहा कि सिद्दीकी ने अपराध कबूल कर लिया है. एक अन्य आरोपी मोहित कुमार को लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने कहा कि उसने घोटाले में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि छापे के दौरान पुलिस ने आठ लैपटॉप, 47 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड, 15 डेबिट कार्ड, दो वाई-फाई डोंगल और 1,31,500 रुपये नकद जब्त किए. आरोपियों ने जॉब पोर्टल्स पर प्रीमियम रिक्रूटर अकाउंट खरीदे थे और संपर्क शुरू करने के लिए नौकरी चाहने वालों के प्रोफाइल एक्सेस किए थे. डीसीपी ने कहा कि माना जा रहा है कि यह घोटाला पूरे भारत में फैला हुआ है और जब्त किए गए सिम कार्ड और नंबरों का विवरण आगे के विश्लेषण के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) को भेजा जा रहा है. डीसीपी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है.
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