मंत्री ने कहा कि पहले दो-तीन राज्यों तक ही सिविल सेवा सीमित थी, लेकिन अब देश के हर राज्य से युवा सिविल सेवा में चयनित हो रहे हैं.
New Delhi: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दावा किया कि पीएम मोदी के पारदर्शी शासन का ही प्रमाण है कि 11 साल में किसी भी मंत्री पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा. पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर के लोगों के रेलवे के सपने साकार हुए हैं. कहा कि पहले दो-तीन राज्यों तक ही सिविल सेवा सीमित थी, लेकिन अब देश के हर राज्य से युवा सिविल सेवा में चयनित हो रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक समय आईएएस और सिविल सेवा केवल बिहार, तमिलनाडु, केरल आदि जैसे मुट्ठी भर राज्यों तक ही सीमित थी, आज हमें उन राज्यों से टॉपर मिलते हैं जो पहले पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से सिविल सेवा सूची में शायद ही कभी टॉपर होते थे.
हर मां को विश्वास- शीर्ष पर पहुंच सकता है उसका बच्चा
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ की युवा लड़की परसनजीत कौर का उदाहरण दिया, जिसने पहले ही प्रयास में 2022 की सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 11 हासिल की. इसी तरह पंजाब के अनमोल शेर सिंह बेदी जो 2016 की सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 2 पर थे. मंत्री ने कहा कि इससे व्यवस्था द्वारा दी जाने वाली निष्पक्षता और समान अवसर में विश्वास बहाल हुआ है. इस प्रकार युवाओं की आकांक्षाओं का लोकतंत्रीकरण भी हुआ है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह लोकतंत्र का सच्चा सार है – जहां हर मां, चाहे उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, यह विश्वास करने का आत्मविश्वास रखती है कि उसका बच्चा शीर्ष पर पहुंच सकता है.
हर बीतता साल एक मील का पत्थर
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले 11 साल भारत के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीढ़ियां दशकों से जिस चीज के लिए तरस रही थीं, वह महज एक दशक में संभव हो गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अतीत के आंसू पोंछे हैं और उसकी जगह उम्मीद व भविष्य की आकांक्षाओं से भरी आंखें दी हैं. मंत्री ने कहा कि हर बीतता साल एक नया मील का पत्थर साबित हुआ है – चाहे वह बुनियादी ढांचे, शासन, प्रौद्योगिकी या युवा सशक्तिकरण के क्षेत्र में हो. जिसने हर भारतीय के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने पारंपरिक सरकारी नौकरियों से परे रोजगार के क्षितिज को कैसे व्यापक बनाया.
विज्ञान और नवाचार में देश आगे
मंत्री ने कहा कि तभी लोगों को एहसास हुआ कि नौकरी का मतलब सिर्फ़ सरकारी नौकरी नहीं है, बल्कि नवाचार, उद्यम और स्टार्टअप भी है. उन्होंने कहा कि भारत का बायोटेक क्षेत्र इसका एक आदर्श उदाहरण है – 2024 में 10,075 से ज़्यादा स्टार्टअप हो गए, जबकि 2014 में सिर्फ 50 स्टार्टअप थे. मूल्यांकन 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर लगभग 170 बिलियन डॉलर हो गया है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व की पुष्टि की. कहा कि विज्ञान और नवाचार में देश की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ी है.
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