Home राज्यJharkhand झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन घर में नजरबंद, आदिवासी संगठनों के विरोध पर पुलिस की सख्ती

झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन घर में नजरबंद, आदिवासी संगठनों के विरोध पर पुलिस की सख्ती

by Sanjay Kumar Srivastava
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Ex Cm Champai Soren

Ex Cm Champai Soren house arrest: प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने रांची के नगरी इलाके में प्रस्तावित परियोजना स्थल से उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे.

Ex Cm Champai Soren house arrest: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपई सोरेन को रविवार को नजरबंद कर दिया गया. पुलिस ने बताया कि करोड़ों रुपए के सरकारी स्वास्थ्य संस्थान के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर उन्हें नज़रबंद कर दिया गया है. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने रांची के नगरी इलाके में प्रस्तावित परियोजना स्थल से उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. पुलिस ने बताया कि रांची जा रहे चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल और उनके समर्थकों को भी एक थाने में हिरासत में लिया गया है. रांची शहर के पुलिस उपाधीक्षक के वी रमन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि आदिवासी संगठनों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियाती कदम के तौर पर चंपई सोरेन को नज़रबंद किया गया है.

सोरेन के आवास पर बढ़ी सुरक्षा

उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं. हालांकि, सोरेन ने इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि आदिवासियों और उनके विरोध का समर्थन करने के कारण उन्हें नजरबंद किया गया है. सोरेन के आवास पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जिन्होंने घोषणा की है कि वह विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. 20 से अधिक आदिवासी समूहों, किसानों और भूमि मालिकों ने रविवार को उस स्थल पर ‘हल जोतो, रोपा रोपो’ (खेत जोतना, पौधे लगाना) विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जहां 1,074 करोड़ रुपये की रिम्स-2 अस्पताल परियोजना प्रस्तावित है. रिम्स-2 का तात्पर्य राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के विस्तार से है, जो राज्य की एक प्रमुख स्वास्थ्य सुविधा है. नगरी क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेड्स लगाए जाने के बावजूद विभिन्न गांवों के प्रदर्शनकारी, किसान और भूमि मालिक प्रस्तावित स्थल पर एकत्रित हुए. उनके हाथों में पोस्टर थे जिन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की तस्वीरें और उनका संदेश ‘हरवा तो जोतो ना यार… कैसे’ लिखा था.

प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

कई प्रदर्शनकारियों ने शिबू सोरेन का मुखौटा पहन रखा था, जो ‘दिशोम गुरु’ (भूमि के नेता) के नाम से लोकप्रिय हैं. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन स्थल से तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस के प्रतिरोध को दरकिनार करते हुए उन्होंने उस ज़मीन पर पौधे लगाए जहां अस्पताल परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव है. हालांकि, इस दावे के बारे में टिप्पणी के लिए पुलिस से संपर्क नहीं हो सका. प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स से यात्रियों को परेशानी हुई. क्षेत्र के एक स्थानीय निवासी 50 वर्षीय बसंत कुमार महतो ने कहा कि उन्हें कांके में चांदनी चौक के पास रोक दिया गया.

नगरी क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू

उन्होंने दावा किया कि मैं रिंग रोड पर रहता हूं, लेकिन मुझे अपने घर जाने की अनुमति नहीं है. रांची जिला प्रशासन ने भी नगरी क्षेत्र में सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है. आदेशों में निर्दिष्ट परिधि के भीतर सार्वजनिक बैठकों और पांच या अधिक लोगों के जमावड़े पर प्रतिबंध है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि हथियार और गोला-बारूद, विस्फोटक और अन्य हथियार ले जाना प्रतिबंधित है और क्षेत्र में लाउडस्पीकर का उपयोग करना भी वर्जित है. स्वास्थ्य विभाग ने परियोजना के लिए 207 एकड़ जमीन आवंटित की है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पिछले महीने दावा किया था कि RIMS-2 में 2,600 बेड का अस्पताल होगा और इसमें 100 स्नातक और 50 स्नातकोत्तर सीटें होंगी.

ये भी पढ़ेंः PM-CM को हटाने वाले बिल पर खरगे का तंज, कहा- ‘वोट चोरी’ के बाद सत्ता चोरी में जुटी BJP

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