Home Top News शिपकी-ला से भारत-चीन सीमा व्यापार फिर शुरू करने पर सहमति, हिमाचल में पर्यटन को नई दिशा

शिपकी-ला से भारत-चीन सीमा व्यापार फिर शुरू करने पर सहमति, हिमाचल में पर्यटन को नई दिशा

by Sanjay Kumar Srivastava
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Modi-Jinping

China-India Relations: व्यापार के अलावा हिमाचल सरकार को शिपकी-ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के संबंध में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.

China-India Relations: चीन भारत के साथ शिपकी-ला के जरिए फिर से व्यापार शुरू करने पर सहमत हो गया है. यह सहमति तब बनी जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी हालिया भारत यात्रा पर आए थे. इस दौरान हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में शिपकी-ला के माध्यम से व्यापार फिर से शुरू करने पर सहमति बनी. राज्य सरकार ने रविवार को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में व्यापार निलंबित कर दिया गया था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्य सरकार को बताया कि भारत सरकार ने तीनों निर्दिष्ट बिंदुओं शिपकी-ला (हिमाचल प्रदेश), लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथू ला (सिक्किम) के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए चीन के साथ चर्चा शुरू की है. शिपकी-ला (किन्नौर) के माध्यम से चीन के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के हिमाचल सरकार के लगातार प्रयासों से उत्साहजनक परिणाम मिले हैं. चीन की सरकार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की हालिया भारत यात्रा के दौरान प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है.

सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार को लिखा था पत्र

बयान में कहा गया है कि यह सफलता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण संभव हुई, जिन्होंने केंद्र सरकार को ऐतिहासिक भारत-तिब्बत व्यापार मार्ग के पुनरुद्धार का आग्रह करते हुए पत्र लिखा था. चीन के विदेश मंत्री के भारत दौरे के दौरान केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से चीन के साथ इस मामले को उठाया था. सिल्क रूट और 1994 के भारत-चीन द्विपक्षीय समझौते के तहत सीमा व्यापार बिंदु के रूप में औपचारिक रूप से स्थापित होने के कारण ट्रांस-हिमालयी आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बयान में कहा गया है कि व्यापार के अलावा राज्य सरकार को शिपकी-ला के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के संबंध में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.

खुलेंगे आर्थिक विकास के नए रास्ते

हिमाचल सरकार ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि शिपकी-ला मार्ग, जो गर्टोक के माध्यम से दारचेन और मानसरोवर की ओर जाता है, तिब्बती पक्ष की तुलना में छोटा है. केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया था कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही रामपुर बुशहर और पूह के माध्यम से शिपकी-ला तक सड़क संपर्क है. विदेश मंत्री ने मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में बताया कि पांच साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रे (सिक्किम) के माध्यम से फिर से शुरू हो गई है, और शिपकी-ला को एक अतिरिक्त मार्ग के रूप में जोड़ने की संभावना पर चीन के साथ चर्चा चल रही है. बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि ये पहल न केवल पारंपरिक सीमा व्यापार को पुनर्जीवित करेगी बल्कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगी.

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