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महाराष्ट्र: वसई विरार नगर निगम में करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश, उप निदेशक आवास से 9 करोड़ नकदी जब्त

by Sanjay Kumar Srivastava
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Vasai Virar Municipal Corporation

कार्रवाई में वीवीएमसी के उप निदेशक (नगर नियोजन) वाईएस रेड्डी के आवासीय परिसरों से 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण और सोना जब्त किया गया.

New Delhi: प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के वसई विरार नगर निगम में हुए करोड़ों के घोटाले का भंडाफोड़ किया है. ED ने छापा मारकर वीवीएमसी के उप निदेशक (नगर नियोजन) के यहां से करोड़ों की नकदी सहित हीरे और सोना बरामद किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र के वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) में सरकारी और निजी भूमि पर वर्ष 2009 से अब तक हुए आवासीय भवनों के अवैध निर्माण के लिए मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापा मारा. इस दौरान 9.04 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण जब्त किए.

आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के अवैध निर्माण का मामला

अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को शुरू हुई कार्रवाई गुरुवार तक जारी रही. कार्रवाई में वीवीएमसी के उप निदेशक (नगर नियोजन) वाईएस रेड्डी के परिसरों से 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपये के हीरे जड़ित आभूषण और सोना जब्त किया गया. यह मामला 2009 से वीवीएमसी के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर आवासीय और वाणिज्यिक भवनों के कथित अवैध निर्माण से संबंधित है. ईडी ने एक बयान में कहा कि वसई विरार शहर की स्वीकृत विकास योजना के अनुसार ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट’ और ‘डंपिंग ग्राउंड’ के लिए आरक्षित भूमि पर समय के साथ 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया.

अवैध निर्माण को फर्जी मंजूरी दस्तावेज बनाकर बेचा

अपनी जांच के दौरान संघीय एजेंसी ने पाया कि इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कार्य चल रहा था, जिसमें वीवीएमसी के विभिन्न अधिकारियों की मिलीभगत थी. तलाशी के दौरान मिले दस्तावेज वसई विरार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण के घोटाले को उजागर करने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं. एजेंसी ने कहा कि ऐसी जमीन पर अवैध निर्माण किए गए और बाद में फर्जी मंजूरी दस्तावेज बनाकर उन्हें बेच दिया गया. इसने कहा कि डेवलपर्स ने लोगों को गुमराह करके अनधिकृत इमारतों में कमरे खरीद कर धोखाधड़ी की, जबकि उन्हें पहले से पता था कि संरचनाओं को ध्वस्त किया जाना है.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 41 भवनों को गिराने का दिया था आदेश

ईडी ने बिल्डरों, स्थानीय गुर्गों और अन्य के खिलाफ मीरा भयंदर पुलिस आयुक्तालय द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर अपनी जांच शुरू की. ईडी मुंबई जोनल कार्यालय ने 14 मई और 15 मई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत मुंबई और हैदराबाद में 13 विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. तलाशी अभियान में 9.04 करोड़ रुपये (लगभग) नकद और 23.25 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे जड़ित आभूषण और सोना और बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए. बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जुलाई, 2024 को सभी 41 इमारतों को गिराने का आदेश दिया था. वीवीएमसी द्वारा 20 फरवरी को इसकी घोषणा की गई.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में ऑनलाइन नौकरी घोटाले का भंडाफोड़, सरगना समेत 14 गिरफ्तार, पूरे भारत में फैला है नेटवर्क

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