Home Latest News & Updates त्रिपुरा में वन मंत्री का बड़ा ऐलान! पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में बनेंगे छह इको पार्क

त्रिपुरा में वन मंत्री का बड़ा ऐलान! पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में बनेंगे छह इको पार्क

by Jiya Kaushik
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Tripura News: इको पार्क, सड़क किनारे मार्केट और वन उत्पाद केंद्र न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और स्थानीय समुदाय के लिए भी बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं.

Tripura News: पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा अब अपने पर्यटन को नए पंख देने की दिशा में अग्रसर है. राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह छह जिलों में इको-फ्रेंडली पर्यटन स्थल विकसित करेगी. यह न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम होगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने का भी माध्यम बनेगा. त्रिपुरा सरकार की यह पहल राज्य के पर्यटन को नया आयाम दे सकती है.

छह जिलों में करोड़ो के इको पार्क

त्रिपुरा के वन मंत्री अनिमेष देबबर्मा ने बुधवार को जानकारी दी कि राज्य के छह जिलों, धलाई और दक्षिण त्रिपुरा को छोड़कर में इको पार्क बनाए जाएंगे. प्रत्येक पार्क पर लगभग ₹10 करोड़ का खर्च आएगा और इन्हें जॉइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट ग्रुप (JFMG) द्वारा संचालित किया जाएगा. ये पार्क वनभूमि पर विकसित किए जाएंगे और इनके माध्यम से स्थानीय लोगों को आजीविका का अवसर मिलेगा.

JICA फंड से विकसित होंगे पर्यटन संसाधन

मंत्री ने बताया कि इको पार्क सहित पर्यटन-संबंधी सभी ढांचागत विकास कार्य जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) के फंड से किए जाएंगे. सरकार का फोकस दीर्घकालिक स्थायी संपत्तियों के निर्माण पर है, जिससे राज्य को भविष्य में भी आर्थिक लाभ मिल सके.

मुख्यमंत्री का विश्वस्तरीय पर्यटन मिशन

राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा त्रिपुरा को विश्वस्तरीय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के मिशन पर काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में वन विभाग की यह योजना अहम भूमिका निभा सकती है. वन मंत्री ने आगे कहा कि विभाग सड़क किनारे सब्ज़ी और कृषि उत्पाद बेचने वालों के लिए बेहतर विक्रय केंद्र बनाएगा. इसके लिए JICA और इंडो-जर्मन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (IGDC) के तहत कुल ₹120 करोड़ का निवेश किया जाएगा. इसके अंतर्गत धलाई जिले के 11 ब्लॉकों में 11 वन उत्पाद केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनमें हर एक पर ₹50 लाख खर्च होगा.

इन्हें मिल सकता है फायदा

ये विक्रय केंद्र न केवल स्थायी बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे, बल्कि विशेष रूप से जनजातीय किसानों को एक सम्मानजनक जगह से अपने कृषि उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती और स्थानीय लोगों को बेहतर आमदनी का स्रोत मिलेगा.

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