Home Latest News & Updates डॉग स्क्वायड…फोरेंसिक टीम…बटुआ…CCTV, आखिर कातिल छात्र तक पहुंच ही गई पुलिस, जानें पूरी कहानी

डॉग स्क्वायड…फोरेंसिक टीम…बटुआ…CCTV, आखिर कातिल छात्र तक पहुंच ही गई पुलिस, जानें पूरी कहानी

by Sanjay Kumar Srivastava
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UP Police

UP Crime: छात्र पूजा के लिए झांसी से अयोध्या आया था, जहां संगम लाल उसे बहला-फुसलाकर ले गया और अप्राकृतिक कृत्य के लिए मजबूर करने लगा.

UP Crime: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में 50 वर्षीय ई-रिक्शा चालक संगम लाल की गला घोंटकर हत्या के मामले में पुलिस ने एक महीने बाद 11वीं कक्षा के छात्र को गिरफ्तार किया है. यह सनसनीखेज वारदात 27 अगस्त की सुबह नवाबगंज इलाके में हुई थी, जहां संगम लाल का शव झाड़ियों में पड़ा मिला था. शुरुआती जांच में न कोई सुराग था, न गवाह और न ही स्पष्ट मकसद, जिससे यह मामला एक ‘अंधा कत्ल’ बन गया. पुलिस के अनुसार, छात्र पूजा के लिए झांसी से अयोध्या आया था, जहां संगम लाल उसे बहला-फुसलाकर ले गया और अप्राकृतिक कृत्य के लिए मजबूर करने लगा. इसी के विरोध में छात्र ने सुनसान जगह पर उसकी हत्या कर दी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने इस केस को बेहद चुनौतीपूर्ण बताया और कहा कि यह मामला पारंपरिक कारणों से नहीं जुड़ा था. संगम लाल 26 अगस्त को अयोध्या में काम के दौरान लापता हो गया था. उसके परिवार ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और गहन जांच की. पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई कि उसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी.

तीन विशेष टीमों ने किया खुलासा

मृतक का निजी सामान, जिसमें आधार कार्ड वाला बटुआ भी शामिल था, पास की झाड़ियों में फेंका हुआ मिला. कोई स्पष्ट डकैती, कोई पूर्व धमकी और कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं दिखाने वाली परिस्थितियों ने जांचकर्ताओं को न्यूनतम सुरागों से जूझने पर मजबूर कर दिया. मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने एएसपी (पश्चिम) राधेश्याम राय और तरबगंज सर्कल अधिकारी उमेश्वर प्रभात सिंह की देखरेख में नवाबगंज पुलिस, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) और निगरानी इकाइयों को मिलाकर तीन विशेष टीमों का गठन किया. फील्ड यूनिट, डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीमों ने सबूतों के लिए घटनास्थल की छानबीन की. अयोध्या रेलवे स्टेशन और आसपास के इलाकों के सीसीटीवी फुटेज का कई दिनों तक बारीकी से विश्लेषण किया गया. संदिग्ध तक पहुंचने के लिए मैनुअल और तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए गए और सुरागों का सत्यापन किया गया.

आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड को सौंपा

अधिकारियों के अनुसार, सफलता लगभग एक महीने बाद 22 सितंबर को मिली, जब टीमों ने झांसी के बबीना से एक किशोर की पहचान की और उसे पकड़ लिया, जो वहां एक छात्रावास में रह रहा था. पूछताछ में पता चला कि आरोपी, जो 11वीं कक्षा का छात्र है, 26 अगस्त को मंदिर दर्शन के लिए उत्सर्ग एक्सप्रेस से अकेले अयोध्या गया था. वह संगम लाल के ई-रिक्शा में सवार हुआ था, और ड्राइवर को लगा कि लड़के के पास दर्शन के लिए पर्याप्त समय है. इसलिए वह उसे घंटों एकांत जगह की तलाश में घुमाता रहा. पुलिस के अनुसार, जब ड्राइवर ने लड़के पर अप्राकृतिक कृत्य करने का दबाव डाला, तो दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया. इस झड़प में किशोर ने गमछे से ड्राइवर का गला घोंट दिया. वारदात के बाद आरोपी ने मृतक का बटुआ फेंक दिया और भाग गया. पुलिस ने किशोर को हिरासत में ले लिया है और उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया है.

बटुआ बना अहम सबूत

घटनास्थल के पास से बरामद बटुआ संदिग्ध तक पहुंचने में अहम कड़ी साबित हुआ. जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या आरोपी के पास इस कृत्य की योजना बनाने या उसे अंजाम देने में कोई सहयोगी या सहायता थी. जायसवाल ने इस त्वरित समाधान का श्रेय आधुनिक प्रौद्योगिकी, निगरानी, ​​डॉग स्क्वायड की तैनाती और पारंपरिक जांच तकनीकों के मिश्रण को दिया. उन्होंने कहा कि यहां तक ​​कि अंधे हत्या के मामलों में भी, जहां कोई स्पष्ट मकसद या गवाह नहीं होता, सावधानीपूर्वक जांच, साक्ष्य ट्रैकिंग और अंतर-विभागीय समन्वय के संयोजन से बहुत कम समय में परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं. पुलिस ने कहा कि हत्या के आरोप में पकड़े गए किशोर को सुधार गृह भेज दिया गया है.

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