Murder of mother: आरोपी बेटे ने पुलिस को यह दावा करके गुमराह करने की कोशिश की थी कि उसके और उसकी मां पर उसके घर में डकैती के दौरान हमला हुआ था.
Murder of mother: मोबाइल फोन गेमिंग के आदी एक 20 वर्षीय बेटे ने लखनऊ में अपनी 45 वर्षीय मां की हत्या कर दी. वारदात से इलाके में सनसनी फैल गई. पुलिस ने सोमवार को बताया कि मां ने बेटे को ऑनलाइन सट्टेबाजी में हुए नुकसान से बढ़ते कर्ज को चुकाने के लिए उनके गहने चुराते हुए पकड़ लिया था. पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान निखिल यादव उर्फ गोलू के रूप में हुई है.आरोपी बेटे ने पुलिस को यह दावा करके गुमराह करने की कोशिश की थी कि उसके और उसकी मां पर उसके घर में डकैती के दौरान हमला हुआ था. आरोपी को लखनऊ के पीजीआई पुलिस स्टेशन, सर्विलांस सेल और साउथ ज़ोन क्राइम टीम की संयुक्त टीम ने फतेहपुर जिले से गिरफ्तार किया. पुलिस ने उसके पास से चोरी के सोने के गहने और अन्य कीमती सामान बरामद किया.
आरोपी ने गंवा दिए काफी पैसे
पुलिस के अनुसार, निखिल अपने परिवार के साथ कल्ली इलाके में रहता था. वह ऑनलाइन गेमिंग का आदी हो गया था. खासकर tirangagamee.games पर होस्ट किए गए “एविएटर” गेम का, जहां उसने काफी पैसे गंवाए. पुलिस ने बताया कि उधार ली गई राशि को चुकाने के लिए आरोपी ने एम पोकेट, फ्लैश वॉलेट और रैम फिनकॉर्प जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से कई ऐप-आधारित ऋण लिए थे, जिससे आरोपी पर हजारों का कर्ज जमा हो गया, जिसमें उच्च ब्याज और छिपे हुए शुल्क भी शामिल थे. किश्तों में पैसे न चुका पाने पर निखिल ने घर से गहने चुराने शुरू कर दिए. डीसीपी (लखनऊ दक्षिण) निपुण अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि 3 अक्टूबर को उसकी मां रेशमा यादव ने उसे अपने गहने चुराते रंगे हाथों पकड़ लिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई और उसने अपनी मां की पीट-पीटकर हत्या कर दी. अपनी मां की हत्या करने के बाद निखिल ने घर में तोड़फोड़ भी की ताकि यह डकैती लगे. बाद में उसने अपने पिता को फोन किया और झूठी कहानी गढ़ी कि अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर उस पर और उसकी मां पर हमला किया है.
पुलिस टीम को 25,000 रुपये का इनाम
डीसीपी (लखनऊ दक्षिण) अग्रवाल के साथ एडिशनल डीसीपी रालापल्ली वसंत कुमार और एसीपी ऋषभ रुनवाल भी मौजूद थे. पुलिस ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए हैं. पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान निखिल ने हत्या की बात कबूल करते हुए कहा कि उसने यह कदम तब उठाया जब उसकी मां ने उसे चोरी करते हुए देख लिया था. अग्रवाल ने कहा कि तकनीकी निगरानी और सीसीटीवी फुटेज से आरोपी का पता लगाने में मदद मिली, जिसने शुरुआत में अपराध का मनगढ़ंत संस्करण बताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी. आरोपी पर बीएनएस धारा 103 (हत्या), 238 (साक्ष्य मिटाना, अपराधी को बचाने के लिए झूठे बयान देना) और 315 (मृतक की संपत्ति का बेईमानी से गबन) के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही चल रही है. पुलिस उपायुक्त ने मामले को सफलतापूर्वक सुलझाने के लिए जांच दल को 25,000 रुपये का इनाम दिया.
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