Home Latest News & Updates कटक में भारी बवालः प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर हमला, SSP और DCP घायल, शहर के सभी प्रवेश द्वार बंद

कटक में भारी बवालः प्रदर्शनकारियों का पुलिस पर हमला, SSP और DCP घायल, शहर के सभी प्रवेश द्वार बंद

by Sanjay Kumar Srivastava
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Cuttack Violence

Cuttack Violence: विहिप कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया. जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया.

Cuttack Violence: ओडिशा के कटक में हुई हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी कर सोमवार को आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया. कटक में निषेधाज्ञा के साथ भारी सुरक्षा तैनाती के बीच 12 घंटे का बंद चल रहा था. पुलिस आयुक्त एस देव दत्ता सिंह ने कहा कि वीएचपी कार्यकर्ताओं द्वारा रविवार को पुलिस पर हमले के सिलसिले में तीन मामले दर्ज किए गए और आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमरेंद पांडा और कटक के डीसीपी खिलारी ऋषिकेश ज्ञानदेव हमले में घायल हुए 25 लोगों में शामिल थे. अधिकारियों ने कहा कि पांडा को एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.

प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले

पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के जरिए कुछ शरारती लोगों की पहचान होने के बाद शहर के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी जारी है. जो बात बहस के तौर पर शुरू हुई थी, वह जल्द ही बढ़ गई और पत्थरबाजी व कांच की बोतलें फेंकने तक पहुंच गई. पुलिस पर जुलूसों पर हमले रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है. रविवार को बंद के समर्थन में विहिप कार्यकर्ताओं की एक मोटरसाइकिल रैली को पुलिस ने उपद्रवग्रस्त इलाके में पहुंचने से रोक दिया, जिससे फिर से हिंसा भड़क उठी. विहिप कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया. हिंसा के दौरान गौरीशंकर पार्क इलाके की कई दुकानों में आग लगा दी गई. सुबह 6 बजे शुरू हुए बंद का मिला-जुला असर रहा, लेकिन कोई घटना नहीं हुई.

शहर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध

सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान कम उपस्थिति के साथ खुले रहे. बाजार और पेट्रोल पंप खुले रहे और सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध रहा, लेकिन पुलिस द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण सामान्य से कम रहा. एसीपी नरसिंह भोल ने कहा कि शहर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और ओडिशा स्विफ्ट एक्शन फोर्स के लगभग 800 कर्मियों के साथ राज्य पुलिस के 1,800 कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त जारी है और शहर में प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि बाहर के लोगों को कटक शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है, सिवाय यहां काम करने वालों और एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जाने वाले मरीजों के. यात्री बसों को प्रवेश द्वारों पर रोका जा रहा है. असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए शहर के सभी प्रवेश द्वारों को बंद कर दिया गया है.

इंटरनेट सेवाएं भी बंद

एडीजी (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है और सभी एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और कानून हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि शहर के 20 में से 13 थाना क्षेत्रों में मंगलवार सुबह 10 बजे तक 36 घंटे के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है. उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की हिंसा भड़कने से रोकने के लिए रविवार शाम 7 बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. ओडिशा पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करने से पहले उसकी पुष्टि करने और झूठी व भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने से बचने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग फर्जी खबरें बनाकर और फैलाकर समाज में अशांति का माहौल बना रहे हैं. सख्त कार्रवाई की जाएगी. कहा गया है कि जो लोग झूठी या भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं और प्रसारित कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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