Home Latest उत्तर प्रदेश के उन्नाव में म्यांमार का नागरिक गिरफ्तार, 10 साल पहले बांग्लादेश के रास्ते आया था भारत

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में म्यांमार का नागरिक गिरफ्तार, 10 साल पहले बांग्लादेश के रास्ते आया था भारत

by Sanjay Kumar Srivastava
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Myanmar citizen arrested

सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) आशुतोष कुमार ने कहा कि आरोपी मोहम्मद साहिल को बुधवार को बड़ा चौराहा पर एक नियमित वाहन जांच के दौरान पकड़ा गया.

Kanpur: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में पुलिस ने एक 37 वर्षीय ऑटो रिक्शा चालक को गिरफ्तार किया है. पूछताछ के दौरान उसके म्यांमार का नागरिक होने का पता चला. वह भारत में अवैध रूप से प्रवेश करके लगभग 10 साल से यहां रह रहा था. सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) आशुतोष कुमार ने कहा कि आरोपी मोहम्मद साहिल को बुधवार को बड़ा चौराहा पर एक नियमित वाहन जांच के दौरान पकड़ा गया.

हिंदी बोलने में असमर्थता से हुआ संदेह

साहिल को पुलिस ने उसके ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन से संबंधित दस्तावेजों के सत्यापन के लिए रोका था. कुमार ने कहा कि पूछताछ के दौरान हिंदी बोलने में असमर्थता से संदेह पैदा हुआ, जिसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पहचान और निवास प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए कहने पर साहिल ने उन्नाव के शुक्लागंज से जारी एक आधार कार्ड दिखाया, जहां उसने पिछले आठ वर्षों से रहने का दावा किया. हालांकि गहन पूछताछ के दौरान वह टूट गया और कथित तौर पर लगभग 10 साल पहले बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने की बात कबूल की.

छापे के दौरान बहन, बहनोई मिले लापता

साहिल ने पुलिस को बताया कि वह सबसे पहले नाव से बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में एक शरणार्थी शिविर में गया और दलालों की मदद से भारत में आने से पहले तीन साल से अधिक समय तक वहां रहा. उसने दलाल को 1,200 रुपये दिए थे. पुलिस को बताया कि वह असम के रास्ते कानपुर पहुंचा. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शुक्लागंज में उसके किराए के आवास पर छापा मारा, जहां उसे उसकी बहन, बहनोई और परिवार के अन्य सदस्य लापता मिले.

बिना वैध दस्तावेजों के घुसा कैसे, पुलिस के लिए बनी पहेली

अधिकारियों ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है कि परिवार बिना वैध दस्तावेजों के भारत में कैसे घुसा और रहा. पुलिस ने कहा कि साहिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (4) (धोखाधड़ी), 338 (जालसाजी), 336 (3) (जाली दस्तावेजों के साथ जालसाजी), और 340 (2) (जाली दस्तावेज का बेईमानी से उपयोग) के साथ-साथ विदेशी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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