छात्र रातों की नींद हराम करने को मजबूर हैं और 5 बजे सुबह की परेड और शारीरिक प्रशिक्षण के लिए उठ जाते हैं, जिससे वे बेहद थक जाते हैं.
Hathras: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को स्कूल में खराब भोजन और बुनियादी सुविधाओं की कमी का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. छात्र हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के अगसौली स्थित अपने परिसर से बाहर निकल आए और मथुरा-बरेली रोड पर बैठ गए. सभी छात्रों ने जिला मजिस्ट्रेट से मिलने की मांग की. प्रदर्शनकारी छात्रों के अनुसार, स्कूल प्रशासन उन्हें पर्याप्त भोजन, उचित वेंटिलेशन और आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में विफल रहा है. उन्होंने शिकायत की कि भोजन की गुणवत्ता खराब है, छात्रावास के पंखे पुराने और बेकार हैं. कहा कि बिजली गुल होने पर भी अक्सर जनरेटर चालू नहीं किया जाता है. परिणामस्वरूप, उन्होंने कहा कि वे रातों की नींद हराम करने को मजबूर हैं और 5 बजे सुबह की परेड और शारीरिक प्रशिक्षण के लिए उठ जाते हैं, जिससे वे बेहद थक जाते हैं.
अव्यवस्था पर भड़के छात्र
छात्रों ने आरोप लगाया कि किसी भी बीमारी के लिए केवल पैरासिटामोल की गोलियां दी जाती हैं और बीमार पड़ने वालों के लिए कोई विशिष्ट आहार उपलब्ध नहीं कराया जाता. उन्होंने दावा किया कि हाल ही में ज़िला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के निरीक्षण के दौरान स्कूल प्रशासन वास्तविक स्थिति को छिपाकर क्लीन चिट पाने में कामयाब रहा. प्रशासन ने केवल लड़कियों के छात्रावास की अच्छी तरह से देखभाल की और लड़कों के छात्रावास की खराब स्थिति को दिखाने से परहेज़ किया. प्रधानाचार्य डॉ. भगवान सिंह ने आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि स्कूल में सब कुछ योजना के अनुसार चलता है. उन्होंने कहा कि हम भोजन मेन्यू तय करने के लिए मासिक बैठकें करते हैं और भोजन एक स्वचालित मशीन का उपयोग करके तैयार किया जाता है.
प्रधानाचार्य ने कहा-सब ठीक
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी खराब उपकरण की मैकेनिक द्वारा तुरंत मरम्मत की जाती है. सिंह ने यह भी दावा किया कि उन्होंने हाल ही में व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित किया था कि जनरेटर सुबह 2:30 बजे चालू हो जाए. मौके पर पहुंचे उप-विभागीय मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने माना कि छात्र कथित अनियमितताओं से नाराज़ हैं और कहा कि उन्हें शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं. स्कूल के प्रधानाचार्य जहां इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि सब कुछ सुचारु रूप से चल रहा है, वहीं छात्रों का आरोप है कि वहां घोर उपेक्षा और कुप्रबंधन है. उन्होंने कहा कि मामला अभी तक सुलझा नहीं है और छात्र सड़क पर बैठे हैं. बाद में जिला प्रशासन के उच्च अधिकरियों के आश्वासन पर छात्र मानें और धरना खत्म किया.
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