संविधान की मूल भावना और उद्देश्य, जो कुछ भी प्रस्तावना में लिखा या दर्शाया गया है, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
Lucknow: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने शनिवार को सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग सरकार और पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन पर संविधान में अनावश्यक बदलाव करने का आरोप लगाया. प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए मायावती ने कहा कि इस संबंध में मैंने कहा है कि संविधान की मूल भावना और उद्देश्य, जो कुछ भी प्रस्तावना में लिखा या दर्शाया गया है, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
डॉ. अंबेडकर ने दिया अत्यंत मानवीय संविधान
उन्होंने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा कि अब आरएसएस वाले क्या कहते हैं, भाजपा वाले क्या कहते हैं, कांग्रेस वाले क्या कहते हैं, मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है. लेकिन अगर भारतीय संविधान के साथ, भारतीय संविधान के उद्देश्यों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की जाती है, तो हमारी पार्टी चुप नहीं बैठेगी. हमारी पार्टी निश्चित रूप से इसके विरोध में सड़कों पर उतरेगी. अभी हम सब इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपने अथक संघर्षों के आजीवन अनुभवों के आधार पर भारत को हर दृष्टि से अत्यंत मानवीय संविधान दिया.
संविधान के मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा को घेरा
कहा कि कांग्रेस पार्टी जब केंद्र में सत्ता में थी और अब भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लोग, जो पिछले कुछ वर्षों से सत्ता में है, ने इसे करोड़ों देशवासियों के हित में कभी भी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ लागू नहीं किया. उन्होंने कहा कि हमें संकीर्ण सोच और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर आम लोगों और देश के हित में संविधान और उसके मानवीय उद्देश्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए ताकि हमारे संविधान की पवित्रता सदैव अक्षुण्ण बनी रहे. मायावती ने कहा कि लेकिन इन दोनों पार्टियों व इनके सहयोगियों की प्रकृति व क्रियाकलापों से भी यह स्पष्ट पता चलता है कि ये सभी पार्टियां डा. भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित समतावादी व अत्यंत कल्याणकारी संविधान को बदलकर उसे पुराने जातिवादी ढांचे में तब्दील करना चाहती हैं, जिसे भारतीय जनता व हमारी पार्टी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि बीएसपी को लगता है कि अब हमें इन पार्टियों के खिलाफ पूरे देश में आवाज उठानी होगी.
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