यदि कोई व्यक्ति सड़क हादसे में घायल को गोल्डेन ऑवर यानि हादसे के एक घंटे के अंदर अस्पताल या ट्रामा सेंटर पहुंचाता है तो मददगार को सरकार की तरफ से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
LUCKNOW: उत्तर प्रदेश में अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं. लेकिन समय पर घायलों को इलाज न मिल पाने से उनकी जान भी चली जाती है. कई बार लोग चाहते हुए भी घायलों की मदद नहीं कर पाते थे. उन्हें डर लगता था कि कहीं वह कानूनी पचड़े में न पड़ जाएं. इसी डर और हिचक को खत्म करने के लिए सीएम योगी ने बड़ा फैसला लिया है.
हादसे के एक घंटे के अंदर पहुंचाना होगा अस्पताल
योगी सरकार ने केंद्र की ‘राहवीर योजना’ को उत्तर प्रदेश में भी लागू कर दिया है. इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को गोल्डेन ऑवर यानि हादसे के एक घंटे के अंदर अस्पताल या ट्रामा सेंटर पहुंचाता है तो मदद करने वाले व्यक्ति को सरकार की तरफ से 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. योजना को लागू करने के पीछे की सोच यह है कि घायलों को समय से अस्पताल पहुंचाया जाएगा तो उन्हें वक्त रहते सही इलाज मिल जाएगा, जिससे उनकी जान बचने की संभावना बढ़ जाएगी और परिवार बिखरने से बच जाएगा.
यूपी में राहवीर योजना लागू
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों के दौरान घायलों की समय पर मदद करने वाले नागरिकों को अब सरकार सम्मान और प्रोत्साहन दोनों देगी. केंद्र द्वारा प्रस्तावति राहवीर योजना यूपी में लागू कर दी गई है. हादसे के एक घंटे के भीतर जख्मी को अस्पताल ले जाने वाले को 25 हजार का इनाम मिलेगा. ‘राहवीर योजना’ को उत्तर प्रदेश में भी लागू कर दिया गया है. यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई है. जिसके तहत दुर्घटना में घायल व्यक्ति को ‘गोल्डन ऑवर’ में अस्पताल पहुंचाने वाले मददगार को 25 हजार रुपए का इनाम मिलेगा.
क्या है राहवीर योजना ?
यदि कोई नागरिक सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को ‘गोल्डन ऑवर’ (पहले 1 घंटे) के भीतर अस्पताल पहुंचाता है और घायल की जान बच जाती है, तो उस मददगार को 25 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. यह पुरस्कार राशि पहले 5 हजार थी, जिसे अब बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया है. हादसे में घायल व्यक्ति को सीधे अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टर द्वारा पुलिस को सूचना दी जाएगी. इसकी एक प्रति उस मददगार को भी सौंपी जाएगी. पुलिस कलेक्टर को भी इस संबंध में पत्र लिखेगी. इसके बाद मददगार के बैंक खाते में परिवहन विभाग द्वारा सीधे प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी. पुलिस मददगार को किसी भी तरह से परेशान नहीं करेगी और न ही उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करेगी.
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