सरकार ने कहा कि आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल और हर स्तर पर जवाबदेह है. तत्काल भुगतान के लिए सीधे जिला-स्तरीय समिति मंजूरी देगी.
Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि गरीब और वंचित परिवारों को अब वित्तीय सहायता के लिए बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लाभार्थियों को आवेदन करने के 75 दिनों के भीतर उनको वित्तीय सहायता मिल जाए. सरकार ने कहा कि आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल और हर स्तर पर जवाबदेह है. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि लाभार्थियों को आवेदन करने के 75 दिनों के भीतर उनको वित्तीय सहायता मिल जाए. किसी भी देरी के मामले में तत्काल भुगतान की सुविधा के लिए सीधे जिला-स्तरीय समिति से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा.
सात दिनों के भीतर सूची को मंजूरी देगी समिति
सरकार ने कहा कि इसका मतलब है कि जरूरतमंद परिवारों को अब राज्य स्तर की मंजूरी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे उन लोगों को समय पर राहत मिलेगी जो लंबे समय से सहायता का इंतजार कर रहे हैं. प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गई हैं. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि आवेदक को योजना के तहत पहले से ही सहायता नहीं मिली है. सरकार ने कहा कि सत्यापन के बाद, पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी और सात दिनों के भीतर अनुमोदन समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. इसके बाद अनुमोदित सूची को डिजिटल हस्ताक्षरों के साथ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. यह धनराशि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से आधार से जुड़े बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी.
समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर 14568 शुरू
सरकार ने यह भी कहा कि बजटीय बाधाओं के मामले में जिला मजिस्ट्रेट लाभ वितरण में किसी भी देरी को रोकने के लिए राजकोषीय नियमों के अनुसार भुगतान को अधिकृत कर सकते हैं. आपातकालीन परिस्थितियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. ऐसे मामलों में जिला मजिस्ट्रेट और समाज कल्याण अधिकारी डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करके आवेदनों को सत्यापित करेंगे, जिससे अनुमोदन के बाद तुरंत भुगतान हो सके. शिकायत निवारण के लिए कमांड सेंटर पर एक हेल्पलाइन नंबर (14568) शुरू किया गया है, जहां लाभार्थी अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं.
सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित होगी सूची
सरकार ने कहा कि उसने इस योजना के व्यापक प्रचार को भी प्राथमिकता दी है. लाभार्थियों की सूची और पात्रता मानदंड तहसील स्तर की बैठकों के दौरान सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त होर्डिंग्स, पोस्टर और हैंडबिल का उपयोग अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें. सरकार ने कहा कि वह हर जरूरतमंद परिवार तक पहुंचने और उनके जीवन को सरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत मृतक कमाने वाले मुखिया (18 से 60 वर्ष की आयु) के आश्रित परिवार के सदस्य को 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, बशर्ते परिवार की वार्षिक आय शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 46,080 रुपये से अधिक न हो.
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