Aaj Ka Panchang: आज का नक्षत्र पुनर्वसु है जो दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा, इसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होगा. पुनर्वसु के पहले दो चरण मिथुन राशि में और अगले दो चरण कर्क राशि में होते हैं.
Aaj Ka Panchang: आज दिनांक 3 मई 2025, दिन शनिवार है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो सुबह 07:51 बजे तक रहेगी. इसके पश्चात सप्तमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. विक्रम संवत 2082 कालयुक्त और शक संवत 1947 विश्वावसु के अनुसार आज का दिन विशेष महत्व रखता है. नई दिल्ली सहित समस्त भारतवर्ष में आज का सूर्योदय सुबह 05:39 बजे हुआ और सूर्यास्त शाम 06:58 पर होगा. वहीं चन्द्रोदय 10:34 बजे हुआ और चन्द्रास्त अगले दिन रात 12:58 बजे होगा.
आज का नक्षत्र पुनर्वसु है जो दोपहर 12:34 बजे तक रहेगा, इसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होगा. पुनर्वसु के पहले दो चरण मिथुन राशि में और अगले दो चरण कर्क राशि में होते हैं. आज सुबह 06:37 बजे तक चंद्रमा मिथुन राशि में रहेगा, तत्पश्चात कर्क राशि में प्रवेश करेगा. वहीं सूर्य इस समय मेष राशि में स्थित है और भरणी नक्षत्र के दूसरे चरण में संचार कर रहा है.
योगों की बात करें तो आज शूल योग है जो 4 मई की सुबह 01:41 बजे तक रहेगा. करण की स्थिति में तैतिल करण सुबह 07:51 बजे तक रहेगा, फिर क्रमश: गर और वणिज करण दिनभर प्रभावी रहेंगे. आज के दिन त्रिपुष्कर योग और रवि योग जैसे अत्यंत शुभ योगों का संयोग बना है, जो कार्यों के आरंभ और विशेष योजनाओं के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं. त्रिपुष्कर योग सुबह 07:51 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक है, जबकि रवि योग सुबह सूर्योदय से दोपहर 12:34 बजे तक प्रभावी रहेगा.
आज शुभ समय की बात करें तो ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:13 से 04:56 तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:45 तक और विजय मुहूर्त दोपहर 02:31 से 03:25 तक रहेगा. वहीं गोधूलि मुहूर्त शाम 06:56 से 07:18 तक और अमृत काल सुबह 10:13 से 11:47 तक रहेगा. निशिता मुहूर्त रात 11:56 से 12:39 तक रहेगा. ये सभी समय धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ, और शुभारंभ के लिए अत्यंत फलदायी माने गए हैं.
| दिनांक | 3 मई 2025, शनिवार |
| तिथि | शुक्ल षष्ठी (07:51 AM तक), फिर सप्तमी |
| पक्ष | शुक्ल पक्ष |
| चन्द्र मास | वैशाख |
| विक्रम संवत | 2082, कालयुक्त |
| शक संवत | 1947, विश्वावसु |
| सूर्योदय | 05:39 AM |
| सूर्यास्त | 06:58 PM |
| चन्द्रोदय | 10:34 AM |
| चन्द्रास्त | 12:58 AM (4 मई) |
| सूर्य राशि | मेष |
| चन्द्र राशि | मिथुन (06:37 AM तक), फिर कर्क |
| नक्षत्र | पुनर्वसु (12:34 PM तक), फिर पुष्य |
| नक्षत्र पद | पुनर्वसु – तीसरा पद (06:37 AM तक), चौथा पद (12:34 PM तक) |
| सूर्य नक्षत्र | भरणी – द्वितीय चरण |
| योग | शूल (01:41 AM, 4 मई तक) |
| करण | तैतिल (07:51 AM तक), फिर गर (07:28 PM तक), फिर वणिज |
| द्रिक ऋतु | ग्रीष्म |
| वैदिक ऋतु | वसन्त |
| अयन (द्रिक/वैदिक) | उत्तरायण |
| दिनमान | 13 घंटे 18 मिनट 53 सेकंड |
| रात्रिमान | 10 घंटे 40 मिनट 18 सेकंड |
| मध्याह्न | 12:18 PM |
| ब्रह्म मुहूर्त | 04:13 AM – 04:56 AM |
| प्रातः सन्ध्या | 04:35 AM – 05:39 AM |
| अभिजीत मुहूर्त | 11:52 AM – 12:45 PM |
| विजय मुहूर्त | 02:31 PM – 03:25 PM |
| गोधूलि मुहूर्त | 06:56 PM – 07:18 PM |
| सायाह्न सन्ध्या | 06:58 PM – 08:02 PM |
| अमृत काल | 10:13 AM – 11:47 AM |
| निशिता मुहूर्त | 11:56 PM – 12:39 AM (4 मई) |
| त्रिपुष्कर योग | 07:51 AM – 12:34 PM |
| रवि योग | 05:39 AM – 12:34 PM |
| राहुकाल | 08:58 AM – 10:38 AM |
| यमगण्ड | 01:58 PM – 03:38 PM |
| गुलिक काल | 05:39 AM – 07:19 AM |
| दुर्मुहूर्त | 05:39 AM – 06:32 AM, फिर 06:32 AM – 07:25 AM |
| वर्ज्य | 08:40 PM – 10:18 PM |
| बाण | मृत्यु – 03:19 PM से पूर्ण रात्रि तक |
| दिशा शूल | पूर्व दिशा |
| आनन्दादि योग | छत्र (12:34 PM तक), फिर मित्र |
| तमिल योग | सिद्ध (12:34 PM तक), फिर अमृत |
| जीवनम | अर्ध जीवन |
| नेत्रम | एक नेत्र |
| होमाहुति | बुध – 12:34 PM तक |
अब बात करते हैं अशुभ समय की. राहुकाल सुबह 08:58 से 10:38 तक रहेगा, यमगण्ड काल दोपहर 01:58 से 03:38 तक रहेगा और गुलिक काल सुबह 05:39 से 07:19 तक रहेगा. इन समयों में किसी भी नए कार्य को प्रारंभ करना वर्जित माना जाता है. दुर्मुहूर्त भी सुबह 05:39 से 06:32 और फिर 06:32 से 07:25 तक रहेगा. वर्ज्य काल रात्रि 08:40 से 10:18 तक है. आज का बाण ‘मृत्यु’ है जो दोपहर 03:19 से संपूर्ण रात्रि तक रहेगा, जो दक्षिण दिशा में यात्रा और कार्यों के लिए अति अशुभ माना गया है.
दिशा शूल आज पूर्व दिशा में है. यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा आरंभ करें. तमिल पंचांग अनुसार आज सिद्ध योग और अमृत योग का भी संयोग बन रहा है, जो किसी भी आध्यात्मिक या पारिवारिक आयोजन के लिए बेहद शुभ समय माना जाता है.
कुल मिलाकर, आज का दिन ग्रह-नक्षत्रों और योगों के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण है. जहां एक ओर शुभ योगों का निर्माण नए कार्यों और योजनाओं के लिए अनुकूलता प्रदान कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ अशुभ समयों का भी ध्यान रखना आवश्यक है. अतः आज के दिन कार्यों की योजना बनाते समय शुभ मुहूर्त और राहुकाल का विशेष ध्यान रखें.
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