Delhi News : दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हमला करने के बाद पुलिस ने सुरक्षा को पहले के मुकाबले बढ़ा दिया है. इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा में 40 सिक्युरिटी गार्ड को लगाया गया है.
Delhi News : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) पर हाल ही में हुए हमले के बाद दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है. रेखा गुप्ता की सुरक्षा में 40 पुलिसकर्मी स्थायी रूप से तैनात कर दिया गया और उनके किसी भी कार्यक्रम में आने से पहले सिक्युरिटी गार्ड को कई बार तलाशी लेने के आदेश दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुरुआत में CRPF को मुख्यमंत्री की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब यह व्यवस्था वापस ले ली गई है और दिल्ली पुलिस को एक बार मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त तैनाती के साथ जेड+ सुरक्षा प्रदान की है.
40 पुलिसकर्मी हमेशा तैनात रहेंगे
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी हमेशा मौजूद रहे हैं और उनकी सुरक्षा को पहले ज्यादा मजबूत कर दिया गया है. उनकी हर एक कार्यक्रम में कड़ी जांच की जाएगी और उनमें जन सुनवाई कार्यक्रम भी शामिल हैं. 20 अगस्त को सिविल लाइंस स्थित उनके कैंप कार्यालय में ऐसी ही एक जन सुनवाई के दौरान उन हमला किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि परिसर में प्रवेश करने से पहले हर आगंतुक की पूरी तरह तलाशी ली जाएगी और उसका सत्यापन भी किया जाएगा. हमने सुरक्षा की एक स्तरीय व्यवस्था तैयार की है ताकि किसी प्रकार की कोई चूक न हो. इसके अलावा सीएम की सुरक्षा दो लेयर वाली होगी, जिसका प्रबंधन पूरी तरह दिल्ली पुलिस करेगी.
हमले करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा
वहीं, आंतरिक सुरक्षा के घेरे में रेखा गुप्ता से थोड़ा आगे दो सशस्त्र अंगरक्षक तैनात रहेंगे, जो किसी भी अप्रिय स्थिति में उनकी रक्षा करने के लिए तैयार रहेंगे. इसके अलावा दूसरे अंगरक्षक खतरों की जल्द से जल्द से पहचान करने के लिए 360 डिग्री निगरानी रखेंगे. दूसरी तरफ बाहरी घेरा उनके कार्यक्रमों के दौरान सार्वजनिक पहुंच, तलाशी और भीड़ नियंत्रण की निगरानी करेगा. बता दें कि जिस व्यक्ति ने सीएम गुप्ता पर कथित तौर पर हमला किया था उसकी पहचान एक ऑटो-रिक्शा चलाने वाले राजेशभाई खिमजी (41) के रूप में हुई है और वह गुजरात के राजकोट का रहने वाला है. साथ ही उसके सहयोगी तहसीन को लेकर पुलिस का कहना है कि उसने घटना से पहले वित्तीय सहायता देने का काम किया था और उसके साथ समन्वय किया था. इसके अलावा पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जांच से पता चलता है कि खिमजी अकेले ऐसा नहीं कर रहा था, बल्कि उसने मुख्यमंत्री को नुकसान पहुंचाने के स्पष्ट इरादे से हमले की योजना बनाई थी.
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