Maratha Reservation : मराठा आरक्षण को लेकर सियासत तेज हो गई है. राज ठाकरे और शिवसेना सामने आ गई है. राज ने कहा कि जब आरक्षण को लेकर बातचीत हो गई थी तो अब उन्हें मुंबई में क्यों आना पड़ा.
Maratha Reservation : महाराष्ट्र में मराठा रिजर्वेशन को लेकर सियासत तेज है और अब दो दलों के बीच में आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है. महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना मंत्री उदय सामंत (Uday Samant) और दादा भुसे (Dada Bhuse) ने रविवार को उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) द्वारा मराठों के लिए किए गए कार्यों का बचाव किया. उन्होंने कहा कि जब वे राज्य सरकार के अध्यक्ष थे, तब मराठा समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण दिया गया था. बता दें कि एकनाथ शिंदे 30 जून, 2022 से 5 दिसंबर, 2024 तक मुख्यमंत्री रहे थे. साथ ही मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत रिजर्वेशन देने वाला विधेयक पिछले साल फरवरी में पारित किया गया था.
एकनाथ शिंदे ही दे सकते हैं जवाब : राज
सामंत और भुसे दोनों ने मीडिया से बात करते हुए स्पष्ट कहा कि जब एकनाथ शिंदे थे उस वक्त मराठों के लिए 10 फीसदी आरक्षण पास किया था. दोनों मंत्रियों ने बताया कि आरक्षण के अलावा शिंदे के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान रिक्त पदों को भी तेजी से भरा गया था. वहीं, शिवसेना के मंत्रियों की टिप्पणी उस वक्त सामने आई है जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को पत्रकारों की तरफ से मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन पर पूछे गए सवाल में कहा था कि केवल एकनाथ शिंदे ही मराठा आंदोलन और आरक्षण के मुद्दे के बारे में सब कुछ बता सकते हैं. अगर आप लोग जानना चाहते हैं कि जरांगे क्यों वापस आए हैं तो इसका जवाब एकनाथ शिंदे ही दे सकते हैं.
जरांगे नहीं छोड़ेंगे महानगर
राज ठाकरे ने कहा कि पिछली बार जब वे मुख्यमंत्री के रूप में नवी मुंबई गए थे, तो उन्होंने इस मुद्दे को सुलझा लिया था. फिर यह मुद्दा फिर से क्यों उठा? इन सभी सवालों का जवाब केवल शिंदे ही दे सकते हैं. जरांगे शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल पर हैं और कह रहे हैं कि जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, वे महानगर नहीं छोड़ेंगे. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने मुंबई में आंदोलन करने के लिए आए प्रदर्शनकारियों को बुनियादी सुविधाओं प्रदान करने में विफल रहने का आरोप लगाया था. साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ता से पानी, खाना और शौचालय सुविधा उपलब्ध कराने में अपील की.
यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में घुमंतू जनजातियों को मिलेगा मतदान का अधिकार, बनेगा कल्याण बोर्ड, मिलेंगी सारी सुविधाएं
