Home Top News उत्तर प्रदेश में घुमंतू जनजातियों को मिलेगा मतदान का अधिकार, बनेगा कल्याण बोर्ड, मिलेंगी सारी सुविधाएं

उत्तर प्रदेश में घुमंतू जनजातियों को मिलेगा मतदान का अधिकार, बनेगा कल्याण बोर्ड, मिलेंगी सारी सुविधाएं

by Sanjay Kumar Srivastava
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CM Yogi Adityanath: सीएम योगी ने नट, बंजारा, बावरिया, शशि, कंजड़, कालबेलिया, सपेरा और जोगी को बहादुर समुदाय बताया.

CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रविवार को विमुक्त जाति (विमुक्त जनजाति) और खानाबदोश जनजातियों के कल्याण के लिए एक समर्पित बोर्ड की स्थापना की घोषणा की.साथ ही उन्हें आवास प्रदान करने की योजना भी बनाई. “विमुक्त जाति दिवस” ​​के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने नट, बंजारा, बावरिया, शशि, कंजड़, कालबेलिया, सपेरा और जोगी को बहादुर समुदाय बताया, जिन्होंने विदेशी आक्रमणों के दौरान लड़ाई लड़ी. उन्होंने कहा कि इन जनजातियों ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ अदम्य साहस के साथ लड़ाई लड़ी.

सरकार पूरी ईमानदारी से कर रही काम

उन्होंने कहा कि 1871 में अंग्रेजों ने उनकी वीरता से भयभीत होकर आपराधिक जनजाति अधिनियम लागू किया और इन समुदायों को जन्म से अपराधी घोषित कर दिया. यह कलंक 1952 तक कायम रहा और 31 अगस्त, 1952 को भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से ये समुदाय अंततः इस कलंक से मुक्त हो गए. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारें विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियों के कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है. उनकी शिक्षा और आवास के लिए राज्य में कई योजनाएं लागू की गई हैं. मंच से उन्होंने समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को खानाबदोश जनजातियों और विमुक्त जनजातियों के लिए एक बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया.

बिना भेदभाव सभी को मिल रहा समान अवसर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नौ जिलों में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय चलाए जा रहे हैं और दो आवासीय आश्रम शैली के स्कूल शुरू किए गए हैं, जबकि राज्य में 101 आवासीय विद्यालय पहले से ही संचालित हैं. इसके अलावा, अनुसूचित जातियों के लिए 264 सरकारी छात्रावासों में विमुक्त जनजाति के सदस्यों के बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं. वनटांगिया समुदाय का उदाहरण देते हुए सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने उनकी बस्तियों को राजस्व गांवों का दर्जा दिया, उन्हें वोट देने का अधिकार दिया और उनके लिए घर, स्कूल और अस्पताल भी बनाए. इसी तरह मुसहर, कोल, थारू, गौर, चेरो और सहरिया समुदायों के लिए योजनाएं लागू की गई हैं. उन्होंने घोषणा की कि विमुक्त जनजातियों और घुमंतू जनजातियों को भी भूमि के पट्टे और मतदान का अधिकार दिया जाएगा. सीएम आदित्यनाथ ने बताया कि घुमंतू जनजातियों के युवाओं का पुलिस भर्ती में चयन हुआ है, जो इस बात का प्रमाण है कि सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान कर रही है.

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