President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति मुर्मू ने सोमवार को कहा कि तकनीक ने पुलिसिंग के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाए हैं. ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ लोगों के लिए सबसे खतरनाक खतरों में से एक बन गई है.
President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि तकनीक ने पुलिसिंग के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाए हैं और ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ नागरिकों के लिए सबसे खतरनाक खतरों में से एक बन गई है. राष्ट्रपति भवन में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के प्रोबेशनरी अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि लोगों, विशेष रूप से हाशिए पर पड़े लोगों को पुलिस को एक भयावह इकाई के रूप में नहीं, बल्कि एक सहारे के रूप में देखना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और हमें अपनी आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक और निजी निवेश की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य या क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए कानून-व्यवस्था एक आवश्यक शर्त है. निवेश और विकास को बढ़ावा देने में प्रभावी पुलिसिंग उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि आर्थिक प्रोत्साहन.
तकनीक से पुलिसिंग क्षेत्र में आया बदलाव
मुर्मू ने कहा कि तकनीक ने पुलिसिंग के क्षेत्र में काफ़ी बदलाव ला दिया है. करीब 10 साल पहले ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ शब्द को समझना नामुमकिन होता था. आज यह नागरिकों के लिए सबसे भयावह खतरों में से एक है. डिजिटल गिरफ्तारी एक ऐसा घोटाला है जिसका उद्देश्य डर, छल और धमकी का इस्तेमाल करके पीड़ितों से पैसे ऐंठना है. धोखेबाज़ क़ानून प्रवर्तन अधिकारियों का रूप धारण करके गिरफ़्तारी और बैंक खाते ज़ब्त करने जैसी धमकियों का इस्तेमाल करके पीड़ितों को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए जुर्माना या ज़मानत राशि के रूप में पैसे जमा करने के लिए मजबूर करते हैं. ये धोखेबाज़ क़ानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर वीडियो कॉल का इस्तेमाल करते हैं और पीड़ितों को निशाना बनाते हैं. मुर्मू ने यह भी कहा कि भारत के पास सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उपयोगकर्ता है.
कमज़ोर वर्गों के लिए काम करे पुलिस
उन्होंने कहा कि इसका पुलिस व्यवस्था पर भी असर पड़ेगा. आपको एआई समेत नई तकनीकों को अपनाने में उन लोगों से कई कदम आगे रहना होगा जो गलत इरादे से इन तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. मुर्मू ने कहा कि भारतीय पुलिस व्यवस्था की संस्कृति का अर्थ होगा सेवा, संवेदनशीलता और सहानुभूति की भावना को बनाए रखना, खासकर समाज के कमज़ोर वर्गों के लिए. राष्ट्रपति ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी लगभग हर समय अपराध और अपराधियों से निपटता है. मुर्मू ने कहा कि एक प्रभावी अधिकारी बनने के क्रम में आपको अपने अंदर करुणा की भावना को बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए. यह संवेदनशीलता उन लोगों तक भी पहुंचनी चाहिए जिनकी आप सेवा करेंगे, और आपकी टीम के सदस्यों तक भी. मुर्मू ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि महिला आईपीएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व और बढ़ेगा.
ये भी पढ़ेंः लखीमपुर खीरी के इस गांव का नाम बदलकर होगा ‘कबीरधाम’, संत कबीर की विरासत को मिलेगा सम्मान
