Suprem Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को उस टिप्पणी को लेकर फटकार लगाई है, जिसमें किशोरियों को यौन इच्छाओं पर काबू करने की सलाह दी गई थी.
20 August, 2024
Suprem Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट को फटकार लगाई है. हाई कोर्ट ने किशोरियों से पिछले साल कहा था कि किशोरियों को यौन इच्छाओं पर काबू पाना चाहिए. इसके साथ ही आरोपी को बरी कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को बरी करने के फैसले को भी रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट को कहा की जजों को अपनी निजी राय कोर्ट में व्यक्त नहीं करनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: लिया था संज्ञान
दरअसल, पिछले साल हाई कोर्ट के किशोरियों की दी गई सलाह पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: ही इस मामले में संज्ञान लिया था. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि उसने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामलों से निपटने के लिए अधिकारियों के लिए कई निर्देश पारित किए हैं. इसके साथ ही अदालतों द्वारा फैसले कैसे लिखे जाने चाहिए, इस पर भी निर्देश जारी किए गए हैं.
जानिए क्या है पूरा ममला ?
बता दें कि 2023 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए किशोरियों को सलाह दी थी कि लड़कियों को अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए. उन्हें दो मिनट के सुख के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए. हाई कोर्ट ने नाबालिग लड़कों को युवा लड़कियों के गरिमा का सम्मान करने की भी सलाह दी थी. वहीं, आरोपी को भी बरी कर दिया गया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: इस मामले में संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में सुनवाई के दौरान कहा था कि जजों को अपनी निजी राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए. SC ने कहा था कि ऐसा आदेश किशोरियों के अधिकारों का हनन है. सुप्रीम कोर्ट ने बरी आरोपी को भी दोषी करार दिया है.
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